Sakarmak Aur akarmak kriya kya hoti hai?
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जिस क्रिया से सूचित होने वाले व्यापार का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- श्याम पुस्तक पढ़ता है। - वाक्य में पढ़ता है क्रिया का व्यापार श्याम करता है, किन्तु इस व्यापार का फल पुस्तक पर पड़ता है, इसलिए पढ़ता है सकर्मक क्रिया है और पुस्तक कर्म शब्द कर्म है।
अन्य उदाहरणः
1. राम बाण मारता है।
2. राधा मूर्ति बनाती है।
3. नेता भाषण देता है।
4. कुत्ता हड्डी चबाता है।
and
जिस क्रिया से सूचित होने वाला व्यापार कर्ता करे और उसका फल भी कर्ता पर ही पड़े, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- राम खाता है। वाक्य में खाने का व्यापार राम से है और खाने का फल भी राम पर ही पड़ता है, इसलिए 'खाता है' अकर्मक क्रिया है।
अन्य उदाहरणः
1. गीता गाती है।
2. बच्चा खेलता है।
3. श्याम हंसता है।
4. कीड़ा बिलबिलाता है।
HOPE IT HELPS YOU.
अन्य उदाहरणः
1. राम बाण मारता है।
2. राधा मूर्ति बनाती है।
3. नेता भाषण देता है।
4. कुत्ता हड्डी चबाता है।
and
जिस क्रिया से सूचित होने वाला व्यापार कर्ता करे और उसका फल भी कर्ता पर ही पड़े, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- राम खाता है। वाक्य में खाने का व्यापार राम से है और खाने का फल भी राम पर ही पड़ता है, इसलिए 'खाता है' अकर्मक क्रिया है।
अन्य उदाहरणः
1. गीता गाती है।
2. बच्चा खेलता है।
3. श्याम हंसता है।
4. कीड़ा बिलबिलाता है।
HOPE IT HELPS YOU.
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pagal log sab humlog hi bataye
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