Hindi, asked by preetimathur9791, 1 year ago

saket ki navam sarg ki visheshta bataye?

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Answered by Chirpy
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श्री मैथलीशरण गुप्त जी ने साकेत के नवम सर्ग में उर्मिला की विरह पीड़ा को व्यक्त किया है। उन्होंने उसके प्रति विशेष सहानुभूति प्रकट की है। यह सहानुभूति एक वैष्णव कवि की स्वाभाविक अनुभूति का परिणाम है।

इसमें कवि ने रामायण के एक गौण पात्र को प्रमुखता देने का भरपूर प्रयत्न किया है। उन्होंने उर्मिला के दीर्घ और दारुण वियोग का मार्मिक और प्रभावशाली चित्रण किया है।

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