Hindi, asked by sakifaisal4488, 22 days ago

सखा! सुनो मेरी इक बात।वह लतागन संग गोपिन सुधि करत पछितात।।

Answers

Answered by prettykitty664
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Explanation:

भ्रमरगीत सार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा सम्पादित महाकवि सूरदास के पदों का संग्रह है। उन्होने सूरसागर के भ्रमरगीत से लगभग 400 पदों को छांटकर उनको 'भ्रमरगीत सार' के रूप में प्रकाशित कराया था।

Answered by vijayksynergy
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यह बात कृष्ण जी और उद्धव राधाजी के बारे में चर्चा कर रहे है इसके बारे में सूरदास जी कहते है की सखा! "सुनो मेरी इक बात।वह लतागन संग गोपिन सुधि करत पछितात।।"

व्याख्या:

  • राधाजी के बारे में अपने भाव को प्रगट करते हुए कहते है की "हे सखा, मेरी बात सुनो मेने ब्रजधाम की लताकुंज में गोपियों संग रसलीलाए की है मधुर क्षण को पसार किया था"।
  • इस सब को छोड़ कर नियति ने मुझे कहा ला दिया है।

राधा जी के बारे में चर्चा।

  • वो सुन्दर नूतनय मेरी राधा मुझे यहाँ देख नहीं रही है।
  • जब में गोपियों एवं राधा के संग बिताए हुए क्षण को याद करता हु तो मुझे ग्लानि होती है की में कहा आ गया हु।

#SPJ2

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