सखीु , सपर औय उत्तभ जीवन जीने के लरए ककए गए आचयण औय प्रमत्नों का नाभ ही धभ म है। देश, कार औय साभाजजक भल्मों की दृजटि से सॊसाय भू ें बायी ववववधता है, अतएव अऩने-अऩने ढॊग से जीवन को ऩणतमू ा की ओय रे जाने वारे ववववध धभों के फीच बी ऊऩय से ववववधता ददखाई देती है। आदभी का स्वबाव है कक वह अऩने ही ववचायों औय जीने के तौयतयीकों को तथा अऩनी बाषा औय खानऩान को सवश्रम ेटठ भानता है तथा चाहता है कक रोग उसी का अनसयण औय अनु कयण कयु , ें अतएव दसयों से अऩने धभ मू को श्रेटठतय सभझते हुए वह चाहता है कक सबी रोग उसे अऩनाएॉ। इसके लरए वह जोयजफदमस्ती को बी फया नहीॊ ु सभझता।
धभ म के नाभ ऩय होने वारे जाततगत ववद्वेष, भायकाि औय दहसॊा के ऩीछे भनटम की मही ु स्वाथम-बावना काभ कयती है। सोच कय देखखए कक आदभी का मह दृजटिकोण ककतना सीलभत, स्वाथऩमण मू औय गरत है। सबी धभ मअऩनी-अऩनी बौगोलरक, साॊस्कृततक औय ऐततहालसक आवश्मकताओॊ के आधाय ऩय ऩदै ा होते, ऩनऩते औय फढ़ते ह, ैं अतएव उनका फाह्म स्वरूऩ लबन्न-लबन्न होना आवश्मक औय स्वाबाववक है, ऩय सफके बीतय भनटम की कल्माणु -काभना है, भानव-प्रेभ है। मह प्रेभ मदद सच्चा है, तो मह फाॉधता औय लसकोड़ता नहीॊ, फजल्क हभाये रृदम औय दृजटिकोण का ववस्ताय कयता अऩदठत गद्माॊश है, वह हभें दसये रोगों के साथ नहीॊू , सभस्त जीवन-जगत के साथ स्ऩटि है कक ऊऩय से लबन्न ददखाई देने वारे सबी धभ म अऩने भर भू ें भानव-कल्माण की एक ही भरधाया को रेकय चरे औय चर यहे हू ैं।
हभ सबी इस सच्चाई को जानकय बी जफ धालभकम ववदवेष की आॉधी भें फहते ह, तो ककतने ैं दबामग्म की फात हैु ! उस सभम हभें रगता है कक चचतॊन औय ववकास के इस दौय भें आ ऩहुॉचने ऩय बी भनटम को उस जॊगरीु -दहसॊक अवस्था भें रौिने भें कुछ बी सभम नहीॊ रगता; अतएव उसे तनयॊतय मह माद ददराना होगा कक धभ म भानव-सॊफॊधों को तोड़ता नहीॊ, जोड़ता है इसकी साथकमता प्रेभ भें ही है।
प्रश्न् (क)
गदमाॊश के आधाय ऩय फताइए कक धभ मक्मा है औय इसकी भख्म ववशषेु ता क्मा है? (2) प्रश्न् (ख)
ववववध धभों के फीच ववववध प्रकाय की भान्मताओॊ के क्मा कायण ह? इन ववववधताओॊ के फावजैं द ू भनटम क्मों चाहता है कक रोग उसी की धालभकमु भान्मताओॊ को अऩनाएॉ? ।
(2)
प्रश्न् (ग)
अऩनी धालभकम भान्मताएॉ दसयों ऩय थोऩना क्मों दहतकय नहीॊ होताू ? (2)
प्रश्न् (घ)
धभों के फाह्म स्वरूऩ भें लबन्नता होना क्मों स्वाबाववक है? धभ मका भर रक्ष्म क्मा होना ू
चादहए? (2)
प्रश्न् (ङ)
गद्माॊश के आधाय ऩय फताइए कक धभ मकी भर बावना क्मा हैू ? वह अऩनी भर बावना को ू
कैसे फनाए हुए ह?ैं
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I have don't no the answer......
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