Hindi, asked by 5035, 9 months ago

saki chapter mein labir ne BIRAH ki tulna kisse ki h?

Answers

Answered by akbarhussain26
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Answer:

ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ।

अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होइ।।

कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढै बन माँहि।

ऐसैं घटि घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि।।

जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।

सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।

सुखिया सब संसार है, खायै अरू सोवै।

दुखिया दास कबीर है, जागै अरू रोवै।।

बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्रा न लागै कोइ।

राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।

निंदक नेड़ा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ।

बिन साबण पाँणीं बिना, निरमल करै सुभाइ।।

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुवा, पंडित भया न कोइ।

ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होइ।।

हम घर जाल्या आपणाँ, लिया मुराड़ा हाथि।

अब घर जालौं तास का, जे चलै हमारे साथि।।

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