Hindi, asked by anusingh951217, 9 months ago

Saki poem ka summary of class 9

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Answered by ItzSharmaji
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कहै कबीर भाँन के प्रगटे उदित भया तम खीनाँ॥ इस सबद में कबीर ने ज्ञान की आँधी से होने बाले बदलावों के बारे में बताया है। कवि का कहना है कि जब ज्ञान की आँधी आती है तो भ्रम की दीवार टूट जाती है और मोहमाया के बंधन खुल जाते हैं। ज्ञान के प्रभाव से आत्मचित्त के खंभे गिर जाते हैं और मोह की शहतीर टूट जाती है।

Answered by nk6452
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कबीर की साखी में दोहों का संकलन है जोकि उन्होंने सामाजिक, धार्मिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कहे थे और जो ज्ञानवाद के रास्ते में मानव को प्रेरित करते हैं। 

कबीर अपने दोहे में कहते हैं कि मनुष्य को अपने अहंकार को भूलकर ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो दूसरों को सुख दे और अपने को भी सुख दे।

अगले दोहे में कबीर कहते हैं कि कस्तूरी मृग अपनी ही नाभि में छुपी हुई कस्तूरी की खुशबू को वन में ढूंढता फिरता है, इस बात से अनभिज्ञ कि वह तो उसके अंदर ही है। इसी तरह मनुष्य भी भगवान को ढूंढने के लिए जगह-जगह देखता है, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों में जाता है जबकि भगवान् तो उसके हृदय में ही छुपा है।

कबीर कहते हैं कि जब तक मेरे ह्रदय में अहंकार था तब तक मैं हरि अथार्त भगवान् को नहीं पा सका। जब मैंने भगवान् के ज्ञान का प्रकाश को देखा तो मेरा सारा अँधियारा मिट गया।

अगले दोहे में कबीर कहते हैं कि सब संसार सुखी है जोकि आराम से खाता है और सोता है। परन्तु दास कबीर दुखी है क्योंकि वह जागकर रोता रहता है। 

इस अंतिम ंडोहे में कबीर कहते हैं कि जिसके तन को बिरह रूपी सांप ने डंस  लिया है उस पर किसी भी मंत्र का असर नहीं होता। राम के बिरह में जो तड़प रहा हो वो जिन्दा नहीं रह सकता, अगर जिन्दा रहा भी तो पागल हो जाता है।

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