Saksharta Ka mahtva......nibandh
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saksharta abhi ki duniya me bahut mahtwpurn hai
chunki log din prati. din chalak hote ja rahe hai isme hamara hoshiyarr hona ati awasyak hai nahi to koi bhi hame ulloo bana sakta hai
साक्षरता का महत्व
भूमिका :-
आज का युग शिक्षा का युग है जिसमें हर व्यक्ति का साक्षर होना अति आवश्यक है । साक्षरता का अर्थ पढ़ने और लिखने से हैं । साक्षरता से ही किसी भी देश की गुणवत्ता की पहचान होती है । साक्षरता हर देश की मूल आवश्यकता होती है । साक्षरता का अर्थ है – अक्षर ज्ञान होना । दूसरे शब्दों में , पढ़ने-लिखने की क्षमता का होना ही साक्षरता है । आज की दुनिया में सामान्य ज्ञान का बहुत महत्त्व है । इससे युक्त व्यक्ति को ही सफलता मिल सकती है । अनपढ़ व्यक्ति कुएँ के मेढक के समान अपनी छोटी सी दुनिया में ही कैद रह जाता है । वह न तो अधिकारों का सही प्रयोग कर सकता है न ही जनसामान्य के लिए उपलब्ध सुख-सुविधाओं का लाभ उठा सकता है ।
साक्षरता की आवश्यकता :-
धीरे धीरे जब मनुष्य ने प्रगति करनी शुरू की तो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे पढ़ने और लिखने की आवश्यकता महसुस हुई । साक्षर व्यक्ति ही देश के हित के लिए कार्य कर सकता है अनपढ़ व्यक्ति तो इस युग में अपनी जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम नहीं है । साक्षर व्यक्ति का कोई भी शोषण नहीं कर सकता है ।
साक्षरता के लिए उठाए गए कदम :-
भारतीय सरकार ने साक्षरता दर को बढ़ाने और लोगों को साक्षर बनाने के लिए बहुत से प्रयास किए है । इसके लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन आदि चलाए गए थे । शिक्षा के अधिकार के लागु होने के बाद से साक्षरता दर में वृद्धि हुई है और लोगों को शिक्षा की तरफ बढ़ावा दिया है आज के समय में भारत ने बहुत से राज्यों में पूर्ण रूप से साक्षरता दर को प्राप्त कर लिया है । केरल राज्य का साक्षरता दर सबसे ज्यादा है । आज व्यक्ति का साक्षर होना अनिवार्य हो गया है । निरक्षरता एक दुर्गुण बन गया है । इसलिए आजकल हर कोई पढ़ना-लिखना चाहता है । सरकार तथा समाज की ओर से देश के हर नागरिक को साक्षर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं । इसके लिए सभी स्थानों पर स्कूल खोले गए हैं । हर बालक को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाए गए हैं । इस नेक कार्य में जनता की भागीदारी आवश्यक है । इक्कीसवीं सदी में यदि भारत का हर नागरिक साक्षर हो जाए तो यह हमारी महान उपलब्धि होगी ।
निष्कर्ष :-
साक्षरता की परिभाषा हर देश में अलग है । साक्षरता से ही हर व्यक्ति के जीवन का उदार होता है । हम सबको साक्षरता के हित में कदम उठाने चाहिए और देश को पूर्ण रूप से साक्षर बनाना चाहिए । साक्षर व्यक्ति को अंधविश्वासों से भी मुक्ति मिलती है। शोषण होने से रोक सकता है और प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकता है । आज व्यक्ति का साक्षर होना अनिवार्य हो गया है । निरक्षरता एक दुर्गुण बन गया है । इसलिए आजकल हर कोई पढ़ना-लिखना चाहता है सरकार तथा समाज की ओर से देश के हर नागरिक को साक्षर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं । इसके लिए सभी स्थानों पर स्कूल खोले गए हैं । हर बालक को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाए गए हैं । इस नेक कार्य में जनता की भागीदारी आवश्यक है । इक्कीसवीं सदी में यदि भारत का हर नागरिक साक्षर हो जाए तो यह हमारी महान उपलब्धि होगी ।
साक्षरता दिवस
प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में साक्षरता दिवस 8 सितम्बर को मनाया जाता है |अंतरास्ट्रीय स्तर पर पूरे विश्व में मनाया जाता है | यह दिन हमारे समाज में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज में लोगो के प्रति शिक्षा को प्राथमिकता देने को बढ़ावा देना है | इस दिन बहुत सी सामाजिक संस्था लोगो से वार्तालाप करके या रैलिया निकालकर समाज में लोगो को शिक्षा को बढ़ावा देने के लिया जागरूकता फैलाती है |