Chemistry, asked by davidjannu6543, 10 months ago

सल्फर के लेड एसीटेट द्वारा परीक्षण में 'सोडियम संगलन निष्कर्ष' को ऐसीटिक अम्ल द्वारा उदासीन किया जाता है, न कि सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा। क्यों?

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Answered by Anonymous
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सल्फर के लेड एसिटेट द्वारा परीक्षण में सोडियम संलग्न निष्कर्ष को CH₃COOH द्वारा उदासीन किया जाता है न कि सल्फुरिक एसिड द्वारा , इसका कारण निम्नलिखित है ।

•सल्फर के परीक्षण में सोडियम निष्कर्ष को एसिटिक अम्ल द्वारा अम्लीकृत किया जाता है क्योंकि लेड एसिटेट के विलेय होने के कारण परीक्षण में बाधा उत्पन्न नहीं होती।

• यदि लेड एसिटेट के स्थान पर सल्फूरिक एसिड का प्रयोग किया जाए तो लेड एसिटेट H₂SO₄ से क्रिया करके सफेद रंग का लेड सल्फेट बनांता है जो परीक्षण में बाधा उत्पन्न करता है।

Answered by shishir303
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सल्फर के लेड एसीटेट द्वारा परीक्षण में सोडियम संकलन निष्कर्ष को सल्फ्यूरिक अम्ल की जगह एसिटिक अम्ल द्वारा इसलिए उदासीन किया जाता है क्योंकि सल्फ्यूरिक अम्ल का प्रयोग करेंगे तो लेड एसीटेट स्वयं सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ क्रिया करके लेड सल्फेट का सफेद अवक्षेप बना लेता है। इसको  इस समीकरण से समझते हैं...

Pb(OCOH₃)₂ + H₂SO₄ ⇒ PbSO₄ ↓ + CH₃COOH

इस तरह प्राप्त लेड सल्फेट का ये सफेद अवक्षेप सल्फर के इस परीक्षण को प्रभावित करेगा...

Pb(CHCOO)₂ + 2Na₂ ⇒ PbS ↓ + 2CH₃COONa

यदि ऐसीटिक अम्ल का प्रयोग किया जाए तो लेड एसीटेट उसके साथ किया नहीं करता, जिसके कारण वो इस परीक्षण में बाधा उत्पन्न नहीं करता है। इसी कारण सल्फर के लेड एसीटेट परीक्षण में सोडियम संकलन निष्कर्ष को एसिटिक अम्ल द्वारा उदासीन किया जाता है।

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