सलीम के जीवन में सांप ने सकारात्मक भूमिका निभाई इस प्रकार अपने आसपास परिवार में साख की सकारात्मक भूमिका का कोई दो अन्य उदाहरण दीजिए
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सही प्रश्न इस प्रकार होगा....
सलीम के जीवन में साख ने सकारात्मक भूमिका निभाई। इस प्रकार अपने आसपास परिवार में साख की सकारात्मक भूमिका का कोई दो अन्य उदाहरण दीजिए।
उत्तर : सलीम के जीवन में साख में सकारात्मक भूमिका निभाई क्योंकि सलीम ने अपनी फैक्ट्री में उत्पादन के लिए आवश्यक कार्यशील पूंजी की जरूरत जरूरत को ऋण के माध्यम से पूरा किया। इस तरह उसने ऋण द्वारा अपनी कंपनी को मिले आर्डर को पूरा भी कर दिया और समय पर ऋण भी चुका दिया। इस तरह सलीम के जीवन में ऋण अर्थात साख ने एक सकारात्मक भूमिका निभाई।
ऐसे ही हमारे जीवन के आसपास के 2 उदाहरण इस प्रकार हैं...
मेरे पड़ोस में एक अंकल रहते हैं, वो किसी कंपनी में नौकरी करते थे। तनख्वाह से उनका गुजारा नही होता था। उनके मकान में नीचे एक दुकान खाली पड़ी थी। उन्होंने अपने मकान के आधार पर बैंक से ऋण लिया और उस पैसे से अपने मकान की दुकान में एक किराने की दुकान खोली। उनकी दुकान चल निकली। जिससे उन्हें अच्छी सी आमदनी होने लगी और उन्होंने बैंक का ऋण भी धीरे-धीरे चुका दिया। आज वो सुखी है, उनका व्यापार अच्छा चल रहा है। इस तरह ऋण ने उनके जीवन में सकारत्मक भूमिका निभाई।
हमारे दूर के रिश्ते में एक रिश्तेदार है जो कहीं पर किसी कंपनी में ड्राइवरी की नौकरी करते थे, लेकिन उससे उनका गुजारा नहीं हो पाता। उन्होंने अपने मकान के आधार पर बैंक से ले लिया और एक स्वयं का टेंपो खरीदा। वो टैम्पो लोकल एरिया में खुद ही चलाते हैं, अब उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। उन्होंने बैंक से टेंपो काे लिया ऋण भी चुका दिया। अब वो दूसरा टैम्पो खरीदने की तैयारी में हैं। इस तरह ऋण ने उनके जीवन में भी सकारात्म भूमिका निभाई।
Answer:
Explanation:
मेरे पड़ोस में एक अंकल रहते हैं, वो किसी कंपनी में नौकरी करते थे। तनख्वाह से उनका गुजारा नही होता था। उनके मकान में नीचे एक दुकान खाली पड़ी थी। उन्होंने अपने मकान के आधार पर बैंक से ऋण लिया और उस पैसे से अपने मकान की दुकान में एक किराने की दुकान खोली। उनकी दुकान चल निकली। जिससे उन्हें अच्छी सी आमदनी होने लगी और उन्होंने बैंक का ऋण भी धीरे-धीरे चुका दिया। आज वो सुखी है, उनका व्यापार अच्छा चल रहा है। इस तरह ऋण ने उनके जीवन में सकारत्मक भूमिका निभाई।
हमारे दूर के रिश्ते में एक रिश्तेदार है जो कहीं पर किसी कंपनी में ड्राइवरी की नौकरी करते थे, लेकिन उससे उनका गुजारा नहीं हो पाता। उन्होंने अपने मकान के आधार पर बैंक से ले लिया और एक स्वयं का टेंपो खरीदा। वो टैम्पो लोकल एरिया में खुद ही चलाते हैं, अब उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। उन्होंने बैंक से टेंपो काे लिया ऋण भी चुका दिया। अब वो दूसरा टैम्पो खरीदने की तैयारी में हैं। इस तरह ऋण ने उनके जीवन में भी सकारात्म भूमिका निभाई।