समोच्च जुताई भूमि संरक्षण में किस प्रकार की मददगार हो सकती है
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समोच्च रेखीय पट्टीदार खेती
पलवार जुताई हेतु खेत में पूर्व फसलों के अवच्चेषों पर जुताई की जाती है ताकि भूक्षरण रोका जा सके। पूर्व फसलों के अवशेष खेत में पलवार का काम करते हैं जिससे भूमि संरक्षण के साथ नमी संरक्षण भी हो जाता है।
समोच्च जुताई भूमि संरक्षण में मददगार
समोच्च जुताई भूमि के संरक्षण में बेहद उपयोगी साबित होती है। समोच्च खेती में जुताई संबंधी सारे कार्य जैसे हल चलाना तथा बीज बोना आदि समोच्च रेखा के साथ किए जाते हैं। इस तरह समोच्च रेखा में खूंड और मेंड बन जाते हैं। यह मूंड और मेंड छोटे तालाबों की तरह कार्य करते हैं। यह खूंड और मेंड जल के वेग को भी कम कर देते हैं। इस कारण जल का अपवाह रोकने के लिए अधिक समय मिल जाता है और अपवाह का जल भूमि में चला जाता है और भूमि के नमी के स्तर को बढ़ाता रहता है।
खूंड और मेंड से गुजरते रहने के कारण जल के अपवाह का वेग भी निरंतर कम होता रहता है और इस तरह मृदा का अपरदन रुकता है तथा भूमि में पोषक तत्व की बढ़ोतरी होती है। इस तरह की जुताई से भूमि क्षरण को नियंत्रण करने में सहायता मिलती है। अतः समोच्च जुताई भूमि के क्षरण को नियंत्रित करने में मददगार साबित होती है, और ये भूमिं को संरक्षित करती है।