समाचार चैनलों पर समाचारों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाना क्या उचित है? इस विषय
पर ६ से ८पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
Answers
"समाचारों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाए जाने" पर विचार
Explanation:
- समाचार चैनलों पर समाचारों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाना बिल्कुल भी उचित नही है।
- इससे लोग गुमराह हो जाते है और उनके मन में भय निर्माण होता है।
- सरकार और अच्छे लोगों पर से समाज के लोगों का विश्वास उठ जाता है।
- लोग किसी के अच्छे काम की प्रशंसा नही करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि सारी चीज़ें दिखावे के लिए हो रही है।
- समाज में हिंसा और नकारात्मक विचार बढ़ जाते है।
- लोगों के मन में गलतफ़हमीयां पलने लगती है जिससे उनको देश के कानून पर भी भरोसा नही रहता।
- लोग गलत जानकारी को भी सच मान लेते है और इसे अन्य लोगों तक पहुँचाते है जिससे लोग भ्रमित हो जाते है।
¿ समाचार चैनलों पर समाचारों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाना क्या उचित है? इस विषय पर 6 से 8 पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
✎... समाचार चैनलों पर जो समाचार बढ़ा चढ़ा कर दिखाए जाते हैं, उन्हें इस तरह दिखाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। आजकल समाचारों को सनसनीखेज बनाने की प्रथा चल पड़ी है जो कि उचित नहीं है। समाचारों का मुख्य उद्देश्य सूचना देना होता है, उसे सनसनीखेज बनाकर दर्शक के मनःस्थिति पर गलत प्रभाव डालना नहीं होता। लेकिन समाचार चैनल अन्य समाचार चैनलों से आपसी होड़ में अपने समाचारों को अधिक से अधिक सनसनीखेज बनाने की कोशिश करते हैं और समाचार को सनसनीखेज बनाने से समाचार का मूल उद्देश्य पीछे रह जाता है। ऐसे बढ़ा-चढ़ा दिखाये गये समाचारों से भले दर्शकों की संख्या भले ही बढ़ जाती हो लेकिन पत्रकारिता पीछे रह जाती है, और समाचार की गंभीरता खत्म हो जाती है।
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