समाचार पत्रों पत्रिकाओं टेलीविजन पर आपने ऐसी अनेक घटनाएं देखी सुनी होंगे जिनमें लोगों ने बिना किसी लालच के दूसरों की सहायता की हो या ईमानदारी से काम किया हो। ऐसे समाचार तथा लेख एकत्रित करें और कम से कम दो घटनाओं पर अपनी टिप्पणी लिखें।
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कुछ दिन पहले मैंने एक प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पत्र में एक सच्ची घटना का कहानी रूपांतरण पढ़ा। उस कहानी का मुख्य पात्र सोहन था। एक बार सोहन बाज़ार जा रहा था कि उसे रास्ते में नोटों से भरा एक पर्स मिला। पर्स नोटों से भरा हुआ था इतने सारे रुपए देख कर उसकी आंखें चमक उठी। किंतु अचानक उसके अंतर्मन से ध्वनि निकली कि यह पर्स तुम्हारा नहीं है किसी और का है। उसने सोचा कि यह पर्स जिस किसी का है उसे कितनी मुश्किल हो रही होगी। अत: उसने उस पर पर्स को उसके स्वामी तक पहुंचाने की सोची। पर्स के अंदर सोहन को पर्स के स्वामी का पता मिला। सोहन ने उस पते पर पहुंचकर दरवाजे पर घंटी बजाई। नौकर ने दरवाजा खोला और सोहन से आने का कारण पूछा तो उसने पत्ते पर लिखे नाम वाले व्यक्ति से मिलने की इच्छा जाहिर की। सोहन ने पर्स के स्वामी से पर्स के बारे में जानकारी प्राप्त कर उन्हें वह नोटों से भरा पर्स वापस कर दिया। पर्स के स्वामी ने उपहार के रूप में सोहन को ₹500 देने चाहे पर सोहन ने में विनम्रता के साथ मना कर दिया । सोहन का इस प्रकार पैसे न लेना उसकी इमानदारी और दूसरों की मदद करने की आदत को बतलाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answer:
1) कोरोना के समय मशहूर सेलिब्रिटी सोनू सूद ने निस्वार्थ होकर गरीबों को अनाज देकर उनकी सहायता की। उनके साथ साथ कई अन्य मशहूर लोगों ने भी ऐसा ही किया।
कोरोना के समय मशहूर सेलिब्रिटी सोनू सूद ने निस्वार्थ होकर गरीबों को अनाज देकर उनकी सहायता की। उनके साथ साथ कई अन्य मशहूर लोगों ने भी ऐसा ही किया।2) मैंने एक प्रसिद्ध टीवी शो में देखा था कि एक अमीर घर की ग्रहणी ने अपने बच्चे के जन्मदिन पर अनाथ आश्रम के बच्चों के लिए भी नए कपड़े खाद्य पदार्थ व कुछ और अन्य समान भिजवाए। शाम को उस औरत ने अपने पति व बच्चों के साथ उसी अनाथ आश्रम में अपने बच्चे का जन्मदिन मनाया ।
कोरोना के समय मशहूर सेलिब्रिटी सोनू सूद ने निस्वार्थ होकर गरीबों को अनाज देकर उनकी सहायता की। उनके साथ साथ कई अन्य मशहूर लोगों ने भी ऐसा ही किया।2) मैंने एक प्रसिद्ध टीवी शो में देखा था कि एक अमीर घर की ग्रहणी ने अपने बच्चे के जन्मदिन पर अनाथ आश्रम के बच्चों के लिए भी नए कपड़े खाद्य पदार्थ व कुछ और अन्य समान भिजवाए। शाम को उस औरत ने अपने पति व बच्चों के साथ उसी अनाथ आश्रम में अपने बच्चे का जन्मदिन मनाया । इससे हमें यह सीख मिलती है कि न केवल अमीर घर के लोग बल्कि हम सभी एक दूसरे के लिए उनके कठिन समय पर उनके साथ यदि खड़े हो तो संपूर्ण मानव जाति में अच्छाई निस्वार्थ व इमानदारी फैलती है ।