Hindi, asked by mahisinghmaury, 1 year ago

समाच से अधविशवास क कैसे दूर किया जा सकता है ?(100शब्द)​

Attachments:

Answers

Answered by diksha9339
2

Answer:

i am feeling bad as i can not answer your question

Answered by XanshikaX206
3

Answer:

जब हम अंधविश्वासों की बात करते हैं तो हमेशा ही धार्मिक या रूढ़िवादी अंधविश्वासों की सोचते हैं. हमारा मानना अमूमन यह होता है कि अंधविश्वास पुराने दौर की मान्यताओं और आधुनिकता के प्रति अज्ञान से पैदा होता है और अाधुनिक विचारों और जीवन शैली में अंधविश्वासों की कोई जगह नहीं होती. यह सच भी है कि धर्म और जाति या सामाजिक मान्यताओं के आंख मूंदकर अनुसरण से अंधविश्वास पैदा होते हैं जिनका नतीजा कभी ऑनर किलिंग, कभी किसी को डायन मानकर मार देने या किसी ढोंगी धर्मगुरु के प्रति अंधे समर्पण के रूप में सामने आता है. इस तरह की ख़बरें हम आए दिन देखते सुनते रहते हैं.

जब हम अंधविश्वासों की बात करते हैं तो हमेशा ही धार्मिक या रूढ़िवादी अंधविश्वासों की सोचते हैं. हमारा मानना अमूमन यह होता है कि अंधविश्वास पुराने दौर की मान्यताओं और आधुनिकता के प्रति अज्ञान से पैदा होता है और अाधुनिक विचारों और जीवन शैली में अंधविश्वासों की कोई जगह नहीं होती. यह सच भी है कि धर्म और जाति या सामाजिक मान्यताओं के आंख मूंदकर अनुसरण से अंधविश्वास पैदा होते हैं जिनका नतीजा कभी ऑनर किलिंग, कभी किसी को डायन मानकर मार देने या किसी ढोंगी धर्मगुरु के प्रति अंधे समर्पण के रूप में सामने आता है. इस तरह की ख़बरें हम आए दिन देखते सुनते रहते हैं.लेकिन अंधविश्वास का अर्थ अगर बिना सोचे-समझे किसी बात पर पूरी तरह भरोसा कर लेना है और उसके ख़िलाफ़ किसी अन्य तर्क या प्रमाण को नकार देना है तो ऐसा सिर्फ़ धर्म और रूढ़ियों तक तो सीमित नहीं रहता. हम अपनी ज़िंदगी में देखते हैं कि कई आधुनिक और ‘सेकुलर’ चीज़ों या लोगों के प्रति भी अंधविश्वास या अंधश्रद्धा पैदा हो सकती है. अगर किसी ढोंगी बाबा के प्रति श्रद्धा गलत है तो किसी फ़िल्म स्टार या खिलाड़ी या नेता का अंधभक्त होना भी तो उसी तरह की बात है. विज्ञापन तो हमें अंधश्रद्धालु बनाने का ही धंधा करते हैं.

Explanation:

FOLLOW ME

Similar questions