Hindi, asked by adityathapa447, 4 months ago

समूचा दिन अदृश्य भय और दहशत में बीता था जिस देव को हल्का बुखार हो गया था वह अपनी झोपड़ी में पढ़ा था सुखिया उसके पास बैठा था आज की घटना से मजदूर डर गए थे उन्हें लग रहा था कि सुबह सिंह किसी भी वक्त लौटकर आ सकता है शाम होते ही भट्टे पर सन्नाटा छा गया था सब अपने-अपने खोल में सिमट गए थे बूढा बिलासिया जो अक्सर बाहर पेड़ के नीचे दे रहा तक बैठा रहता था शाम होते ही अपनी झोपड़ी में जाकर लेट गया था।​

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Answered by nidhi1633
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Answer:

What we do in this question dear??????❣️❣️❣️❣️

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