sama char patr per nibandh ruprekha ke Sath 750 shabdon mei
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प्रस्तावना
समाचार पत्र सूचना पहुंचाने या प्रदान करने का एक सरल माध्यम है। समाचार पत्र का उपयोग हम प्रतिदिन अपने आस पास, देश और दुनिया की खबर को जानने के लिए करते हैं। समाचार पत्र हमें सभी क्षेत्रों की खबर संपूर्ण जानकारी के साथ देता है। समाचार पत्र की भाषा एकदम सहज और सरल होती है ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके। समाचार पत्र हर उम्र के लोगों के लिए होता है चाहे कोई छोटा हो तो उसके लिए भी कुछ ना कुछ खबर होती है या फिर कोई कितना ही बड़ा क्यूं ना हो उसके काम की भी कोई न कोई खबर जरूर होती है। इस तरह समाचार पत्र हर किसी के लिए उपयोगी होते हैं।
समाचार पत्र में अनेक क्षेत्र होते हैं और ये क्षेत्र इतने सारे होते हैं जिससे पढ़ने वाले के पास पढ़ने के लिए अनेक विकल्प होते हैं। समाचार पत्र का मूल्य इतना कम होता है कि इसका मूल्य समाचार पत्र में दी गई अलग अलग क्षेत्रों की सूचनाओं के सामने कुछ भी नहीं है। समाचार पत्र में राजनैतिक, खेल, तकनीकी, अर्थशास्त्र, भोजन, व्यापार, रोजगार एवं फिल्म जगत से संबंधित आदि क्षेत्र आते हैं। इतने सारे क्षेत्र होने के कारण समाचार पत्र को खरीदने वाला व्यक्ति समाचार पत्र को खरीदना अपने पैसों की बर्बादी नहीं समझता बल्कि पैसों का सही इस्तेमाल ही मानता है।
समाचार पत्र के लाभ
समाचार पत्र पढ़ने के अनेक लाभ हैं। यह न सिर्फ आपको देश विदेश की घटनाओं का वर्णन देते हैं बल्कि आपको एक सजग व्यक्ति भी बनाते हैं। समाचार पत्र की खबरें हमें जागरूक करने में मदद करती हैं। यह हमें अलग अलग क्षेत्रों में चल रही घटनाओं का वर्णन बिल्कुल सही जानकारी के साथ प्रदान करते हैं जिससे हम हर क्षेत्र का ज्ञान अर्जित करने लगते हैं। कई लोग समाचार पत्र में सिर्फ अपने कार्य से संबंधित क्षेत्र ही पढ़ना पसंद करते हैं जैसे व्यापारी वर्ग मख्यतः समाचार पत्र में व्यापार से संबंधित खबरें ही देखते हैं ताकि वह बाजार में हो रही गतिविधि पर नजर रख सकें। वैसे ही युवा वर्ग जो बेरोजगार हैं वो अपने लिए नौकरी के स्वर्णिम अवसर देखते हैं और अपनी पढ़ाई के अनुसार नौकरी के लिए आवेदन भी करते हैं। इसके अलावा समाचार पत्र में गृहिणी खाने से संबंधित खबरें देखती हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ खेल संबंधित खबरें ही पसंद होती है और कुछ ऐसे भी जो सिर्फ तकनीकी खबर ही देखना पसंद करते हैं। इन सभी के अलावा पढ़ने वालों का एक वर्ग ऐसा भी है जो सारे क्षेत्रों की खबरों को बड़े ध्यान से पढ़ता है और सभी क्षेत्रों की जानकारी अर्जित कर अपना ज्ञान बढ़ाता है।
समाचार पत्र के नुकसान
समाचार पत्र के इतने अत्यधिक फायदे होने के साथ कुछ नुकसान भी हैं। कुछ समाचार पत्र ऐसे भी होते हैं जो अपने समाचार पत्रों में झूठी खबरें छापकर लोगो को बहकाने का भरसक प्रयत्न करते हैं। बिल्कुल इसी तरह कुछ ऐसे समाचार पत्र भी होते हैं जो समाज में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके कारण समाज में सामाजिक अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो जाता है।
इसके अलावा कुछ ऐसे समाचार पत्र भी होते हैं जो सरकार की सही नीतियों को जनता के समक्ष कभी कभी गलत रूप से प्रस्तुत करते हैं। इससे राजनैतिक अस्थिरता उत्पन्न होती है।
समाचार पत्र के प्रकार
समाचार पत्रों के प्रकार की बात करें तो ये बहुत प्रकार के होते हैं। इनका यह विभाजन इनके प्रकाशित होने की अवधि के हिसाब से होता है। कुछ समाचार पत्र प्रतिदिन प्रकाशित होते हैं तो कुछ हफ्ते में दो बार जिन्हें अर्द्ध साप्ताहिक समाचार पत्र कहा जाता है। इसी प्रकार साप्ताहिक (सप्ताह में एक बार प्रकाशित होने वाला), अर्द्ध मासिक (महीने में दो बार प्रकाशित होने वाला), मासिक (महीने में सिर्फ एक बार प्रकाशित होने वाला) प्रकार के समाचार पत्र भी होते हैं।
इसके अलावा 'मैगज़ीन' भी समाचार पत्रों का ही एक प्रकार होता है। लेकिन मैगज़ीन किसी एक क्षेत्र से संबंधित होती है।
उपसंहार
समाचार पत्र समाज में एक अहम भूमिका निभाते हैं। यह हमारे देश और दुनिया से जुड़ी खबरें देते हैं जिससे समाज को वर्तमान में हो रही गतिविधियों के बारे में जानकारी रहती है और इसके कारण समाज में जारूकता भी बनी रहती है।
समाचार पत्र प्रतिदिन पढ़ने का एक फायदा यह भी होता है कि इससे हमारी भाषा अध्यन करने और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। हमें नए विषयों यानी नए क्षेत्रों का ज्ञान भी प्राप्त होता है जिससे हम नए क्षेत्रों या विषयों के बारे में भी जानना शुरू कर देते हैं।