'समाज का नवनिर्माण और विकास नर-नारी के सहयोग से ही संभव है', इसपर अपने विचार लिखिए।
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नारीऔर पुरुष समाज के दो पहिए हैं। एक पहिया भी अगर कमजोर पड़ेगा तो परिवार की गाड़ी ठीक से नहीं चल पाएगी। महिलाओं को शुरू से दबाया जाता है, ताकि वह किसी भी तरह के अन्याय के खिलाफ आवाज ना उठा सकें। आज महिलाएं भले ही अपना परचम लहराएं, पर उन्हें घर में ही वह सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए। यह बातें रविवार को ऑक्सीजन मूवमेंट के संडे डिस्कशन के दौरान कही गयी। ऑक्सीजन मूवमेंट की तरफ से रविवार को छात्र-छात्राओं के लिए नारी के सम्मान पर परिचर्चा आयोजित की गई। डिस्कशन के दौरान विभिन्न स्कूल कॉलेजों के छात्र छात्राओं ने अपनी बात रखी।
महिलाओं को सम्मान देने से ही
प्रसन्न होंगे देवी-देवता
परिचर्चाके दौरान ऑक्सीजन मूवमेंट के संयोजक बिनोद सिंह ने कहा कि हम नारी को सम्मान देंगे तब ही हमारे देवी देवता प्रसन्न होंगे। महिला घरेलू हों या कामकाजी हमें उनकी रिस्पेक्ट करनी चाहिए। संस्था की कॉर्डिनेटर पूजा कुमारी ने कहा कि नारी और पुरुष दोनों को समान दर्जा मिलेगा तब ही समाज का बेहतर विकास होगा। कोमल कुमारी ने कहा कि अगर हम किसी भी लड़की का अपमान करते हैं तो हमारे घर की स्त्रियां भी सुरक्षित नहीं रह सकती हैं। पीयूष कुमार का कहना है कि आज औरतें ही किसी ना किसी रूप में औरतों को प्रताड़ित कर रही हैं। कार्यक्रम में अर्चना रानी, निशांत कुमार, प्रेरणा, सोनाली, शशि, प्रीती, बबीता और सूरज कुमार आदि कई छात्र छात्राओं ने अपनी राय बताई। परिचर्चा के अंत में तीन लीडर का चयन किया गया है। संत क्राईस्ट किड्स अकादमी के पीयूष कुमार को फर्स्ट, संत जोसफ स्कूल की दिव्या को सेंकेंड पोजीशन और राम लखन सिंह हाई स्कूल की कोमल कुमारी को थर्ड प्राइज मिला।