समाज को सर्वोच्च शारीरिक शक्ति का परिणाम समझता है
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समाज को सर्वोच्च शारीरिक शक्ति का परिणाम समझता है
शारीरिक शिक्षा अनेक क्रियाएँ तनाव , दबाव , संवेदनशील वह आत्मसमर्पण के व्यवहार को मुक्त करवाती है | शारीरिक शिक्षा के बारे में जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है |
इससे तात्पर्य स्वस्थ शरीर, मन और आचरण का प्रशिक्षण देना है। शारीरिक व्यायाम व खेल आदि क्रियाएँ शरीर को तंदुरुस्त व क्रियाशील बनाते हैं | इसमें यह सिखाया जाता है कि कैसे अपने शरीर को स्वस्थ रखना है | शारीरिक शिक्षा के माध्यम से हम अपने शरीर को स्वास्थ्य बना सकते है |
शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रमों में सबसे बड़ा योगदान शारीरिक व्यायाम व खेल आदि क्रियाएँ मनुष्य के शारीरिक ही नहीं अपितु उसका मानसिक , सामाजिक विकास होता है |
मनुष्य अपने जीवन में अच्छे नागरिक और स्वस्थ जीवन व्यतीत करता है | इसके अलावा हमारे जीवन में खेल , नृत्य ,मनोरंजन, पर्यटन , शिविर , प्रकृति विहार आदि कार्यक्रमों का बहुत योगदान रहता है | हमें योग , शरीर क्रिया विज्ञान आदि पर भी समय देना चाहिए |