Hindi, asked by rajd10980, 3 months ago

समाज की दूषित व्यवस्था रिश्वत को प्रोत्साहन देती है। अल्प-वेतन में परिवार का व्यय न चलने पर कभी-कभी मन दुर्बलता उत्पन्न हो जाती है और सरकारी नौकर का ध्यान भी अनौतिक साधन रिश्वत की ओर चला जाता है। वह भली-भाँति जानता है कि रिश्वत लेना पाप है, पाप की कमाई फलती-फूलती नहीं फिर भी विवशता और लाचारी में फँस कर वह पाप कर बैठता है। यदि समाज में सबको जीवनयापन के लिए समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कर्म को स्थान न मिले। खेद का विषय है कि आज हमारी मनोवृत्ति इतनी दूषित हो गई है कि रिश्वत की कमाई को पूरक-पेशा समझा जाने लगा है। समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाना चाहिए। प्र. 1. समाज में रिश्वत फैलने के क्या कारण हैं? प्र. 2. समाज में रिश्वत किस प्रकार दूर हो सकती है? प्र. 3. मोटे काले शब्दों के अर्थ बताइए। प्र. 4. इस अवतरण का शीर्षक लिखिए।​

Answers

Answered by arunrauat
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Answer:

(1)-समाज की दुषित व्यवस्था रिश्वत को प्रोत्साहन देती है समाज में रिश्वत फैलने का यही कारण है

(2)- यदि समाज में सबको जीवनयापन का समान अधिकार प्राप्त हो तो रिश्वत जैसे अनैतिक कतय दूर हो जायेंगे

Explanation:

sorry ! itna hi malum hai

I hope it is helpful

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