Hindi, asked by kavitaaggarwal877, 7 months ago

समाज की विडंबना पर निबंध।​

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Answered by raynanndini
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प्रतिभा हिदी नाटक काजी, उपन्यास, निबंध आदि सभी गद्य विधाओं में पले हुई है । ... भारतीय समाज की उदय-नीच, उ-यत पर आधारित जाति-पया, .

पर मन प्रथम की ओर ही तुमको झुकावेगा अभी, यदि तुम न सँभलोगे अभी, ... बच्चे आने वाले समाज की आशा हो सकते हैं, बूढ़े बीते हुए समाज के अवशेषलेकिन बड़ी विडम्बना है कि खुद को छोडकर पूरा समाज बदल देना ... यहाँ हमारा समाज में चर्चा करेंगे विभिन्न ज्वलंत और सामाजिक मुद्दों पर.

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