समाज के वे कौन-से समूह थे, जो गणों की सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे?
Answers
समाज के निम्न समूह थे, जो गणों की सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे -
1. महिला
2. दास
3. कर्मकार, भूमिहीन मजदूर
वर्णे क पदानुक्रम में सबसे नीचे शूद्र वर्ण था। उनसे अन्य तीन वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य) की सेवा करने की अपेक्षा की गई थी। कभी-कभी, महिलाओं को शूद्र भी माना जाता था। शूद्रों को बलिदान करने की अनुमति नहीं थी। वे ऐसे समारोहों में भी शामिल नहीं हो सकते थे
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ (राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य) के सभी प्रश्न उत्तर :
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
सही या गलत बताओ।
(क) अश्वमेध के घोड़े को अपने राज्य से गुजरने की छूट देने वाले राजाओं को यज्ञ में आमत्रत किया जाता था।
(ख) राजा के ऊपर सारथी पवित्र जल का छिड़काव करता था।
(ग) पुरातत्त्वविदों को जनपदों की बस्तियों में महल मिले हैं।
(घ) चित्रित-धूसर पात्रों में अनाज रखा जाता था।
(ड.) महाजनपदों में बहुत से नगर क़िलाबंद थे।
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नीचे दिए गए खानों में निम्नलिखित शब्द भरो।
आखेटक-संग्राहक, कृषक, व्यापारी, शिल्पकार, पशुपालक।
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Explanation:
उत्तर: आज के शासको का चुनाव मतदान के द्वारा होता है। लेकिन जनपद में कुछ लोग बड़े-बड़े यज्ञों का आयोजन कर अपने आप को राजा के रूप में स्थापित करते थे। ऐसे यज्ञों में से एक यज्ञ अश्वमेध यज्ञ था जिसमें एक घोड़े को राजा के लोगों के संरक्षण मे स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाता था। इस घोड़े को रोकने वाले राजा को अश्वमेध यज्ञ करने वाले राजा से या तो युद्ध करना पड़ता था या घोड़े को छोड़ कर उसका आधिपत्य स्वीकार करना पड़ता था। इस तरह उस महायज्ञ को करने वाला राजा अब जन का राजा न होकर जनपदों का राजा माना जाने लगता था। कुछ राजा सम्भवत: जन यानी लोगों द्वारा चुने जाते थे।