समाज में बढ़ती हुई भाव शून्यता पर मित्र के साथ विचार-विमर्श करते हुए संवाद रूप में लिखिए
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रोहन-- सोहन तुम कैसे हो?
सोहन-- अच्छा हूं मित्र। तुम बोलो?
रोहन-- मैं आज वर्तमान समाज की परिस्थिति को देखकर बहुत परेशान हूं।
सोहन-- क्यों क्या हुआ?
रोहन-- कल मैं कालेज से घर आ रहा था। तभी सड़क पर एक वृद्ध को एक ट्रक ने धक्का मार दिया और वह वृद्ध खून से लथपथ हो गया।
सोहन-- फिर?
रोहन-- फिर क्या मैं एकेला आदमी उस वृद्ध को अस्पताल ले जाने के लिए दौड़ा टैक्सी रोकने की कोशिश की मगर कोई ले जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा था।
सोहन-- अरे बापरे फिर तुम कैसे ले गए अस्पताल?
रोहन-- मैं नहीं ले गया क्योंकि उस वृद्ध ने मेरे सामने अपना दम तोड़ दिया था।
सोहन-- हे! भगवान। यह सब उन लोगों के वजह से हुआ जो वृद्ध को अस्पताल ले जाने के लिए मना कर रहे थे।
रोहन-- हां, हमारी इस समाज की भाव शून्यता ने मुझे कल तोड़कर रख दिया।
सोहन-- अच्छा हूं मित्र। तुम बोलो?
रोहन-- मैं आज वर्तमान समाज की परिस्थिति को देखकर बहुत परेशान हूं।
सोहन-- क्यों क्या हुआ?
रोहन-- कल मैं कालेज से घर आ रहा था। तभी सड़क पर एक वृद्ध को एक ट्रक ने धक्का मार दिया और वह वृद्ध खून से लथपथ हो गया।
सोहन-- फिर?
रोहन-- फिर क्या मैं एकेला आदमी उस वृद्ध को अस्पताल ले जाने के लिए दौड़ा टैक्सी रोकने की कोशिश की मगर कोई ले जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा था।
सोहन-- अरे बापरे फिर तुम कैसे ले गए अस्पताल?
रोहन-- मैं नहीं ले गया क्योंकि उस वृद्ध ने मेरे सामने अपना दम तोड़ दिया था।
सोहन-- हे! भगवान। यह सब उन लोगों के वजह से हुआ जो वृद्ध को अस्पताल ले जाने के लिए मना कर रहे थे।
रोहन-- हां, हमारी इस समाज की भाव शून्यता ने मुझे कल तोड़कर रख दिया।
vishwashRuhal:
thanks for giving answer
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