समाज में फैली कुरीतियों पर अनुच्छेद लिखिए।
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समाज में फैले कुरीतियों पर अनुच्छेद
⭕ भारत विभिन्नताओं का देश है । यहाँ भिन्न-भिन्न जातियों, धर्मों व संप्रदायों के लोग निवास करते हैं जिनका रहन-सहन, पहनावा, बोलियाँ व मान्यताएँ भी परस्पर भिन्न हैं ।
भारत के उत्तरी कोने से दक्षिणी कोने तक भ्रमण करें तो निस्संदेह भिन्नताओं को देखते हुए यह विश्वास करना कठिन हो जाता है कि ये सब भारत के ही भू भाग हैं । यहाँ का धरातल कहीं पर्वतीय है तो कहीं सपाट, कहीं घने जंगल हैं तो कहीं पठार । भाषा की विविधता भी यहाँ देखने को मिलती है । कुछ प्रदेशों में हिंदी भाषी लोग अधिक हैं तो कुछ में अवधी या फिर मराठी भाषा प्रधान है ।
सामाजिक कुरीतियों की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इन्हें सामूहिक प्रयासों द्वारा ही दूर किया जा सकता है । केवल सरकार या प्रशासन इसे रोकने में सक्षम नहीं है । इसके लिए सभी संप्रदायों, धार्मिक संस्थानों तथा समाजसेवियों को एकजुट होकर प्रयास करना होगा । तभी देश में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति की कल्पना की जा सकती है ।
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♾❤️♾आशा करती हूँ कि आप को इससे मदद मिली होगी.. कृपया brainalist mark कर दे..!! ♾❤️♾