समाज में इनके योगदान के विषय में लिखिए-
क) अध्यापक
Answers
Answer:
शिक्षक समाज को एक नयी दिशा देता है।वह चाहे तो हमारे समाज में फैली कई प्रकार की कुरीतियों,बुराइयों को मिटा सकता है।
Explanation:
शिक्षक के द्वारा व्यक्ति के भविष्य को बनाया जाता है एवं शिक्षक ही वह सुधार लाने वाला व्यक्ति होता है। प्राचीन भारतीय मान्यताओं के अनुसार शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊँचा माना जाता है क्योंकि शिक्षक ही हमें सही या गलत के मार्ग का चयन करना सिखाता है।इस बात को कुछ ऐसे प्रदर्शित किया गया है-गुरु:ब्रह्मा गुरुर् विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर: गुरु:साक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:। कबीर कहते हैं गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय बलिहारि गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।शिक्षक आम तौर से समाज को बुराई से बचाता है और लोगों को एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है। इसलिए हम यह कह सकते है कि शिक्षक अपने शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक है।
Answer:
मनुष्य को गुणबन बनाने के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि बिना पढ़ा मनुष्य पशु का समान होता है। मनुष्य के कार्य और व्यवहार में सुंदरता और सिस्टता शिक्षा के द्वारा ही और आती है। शिक्षा जगत में शिक्षक या अध्यापक का एक गौरवपूर्ण स्थान है। बच्चों की शिक्षा का पूर्ण दायित्व शिक्षक पर ही निर्भर करता है। समाज और देश निर्माण में शिक्षक का महान योगदान होता है।
अध्यापक छात्रों के जीवन को उन्नत बनाता है। वह केवल पढ़ाता ,लिखाता और समझाता ही नहीं, छात्र के जीवन को भी सजाता है। अध्यापक आदर्स ही हुआ करते हैं। आदर्श अध्यापक छात्र की आत्मा को भी शुद्ध, पारदर्शी बनाकर उसके चेतना को परिष्कृत करता है। वह स्वयं नहीं जानता है कि उसकी दी हुई शिक्षा कहां जाकर रुकती है।
एक अध्ययनसिल अध्यापक ही छात्रों को अध्ययनसिल बना पाता है। एक जलता हुआ दीपक है और एक दीपक को जला पता है। एक अध्ययनसिल, अनुभवशील अध्यापक ही अपने शिष्य में अंततः गुण एवं शक्ति भर देता है।
एक आदर्श अध्यापक वही है जो माता-पिता दोनों को जैसे प्यार दे। कुछ निद्रसन में जहां माता-पिता चुक जाती है, अध्यापक अपने सिस्टम में वह चूक भी पूरा कर देते हैं। प्यार से पढ़ने वाला अध्यापक से छात्रा आसानी से पढ़ निकलते हैं। क्रोधी और दंडित करने वाले अध्यापकों से छात्र भागते हैं।
एक आदर्श अध्यापकों का चरित्रवान होना प्राथमिक सरत है। चरित्रवान व्यक्ति को कभी अध्यापक बनाना ही नहीं चाहिए। अध्यापक के चरित्रों के देखकर सभी छात्र प्रभावित होते हैं। चरित्र बल अध्यापक के बात छात्र बाहर से भी करते हैं। इसलिए एक अध्यापक है एक छत्र के जीवन का मूल है।
Explanation:
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