समाज में रिश्तों की क्या अहमियत (paragraph)
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⚫AmSwEr⚫
समाज में रिश्तों-नातों का एक विशेष स्थान है। सामाजिक जीवन को सुचारू रखने के किए इनकी महत्त्ता को कोई नजरंदाज नहीं कर सकता है। आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से मिलते हैं।
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- आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते-नाते निभाते हैं। अब रिश्तों से ज्यादा रिश्तेदार की कामयाबी और स्वार्थ सिधि की अहमियत है। रिश्ते ही उसे अपने-पराए में अंतर करने की पहचान करवाते हैं
- समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए। Answer : आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं
- इस कहानी को पढ़कर ऐसा लगता है कि समाज में जितने भी रिश्ते हैं वे स्वार्थ पर आधारित हैं। महंत ने हरिहर काका की आवभगत इसलिए की कि वह उनकी जमीन हड़पना चाहता था। हरिहर काका के भाइयों ने उनकी दोबारा इज्जत करनी शुरु कर दी क्योंकि वे पंद्रह बीघे जमीन को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे।
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