समाज और छुआ-छूत पर निबंध
Please no copy paste or any spam.
Answers
Answer:
भारत में सबसे बड़ा लोकतंत्र है और कई जातियों और धर्मों में विभाजित है। छुआछूत भारत के हिंदू समाज से जुडी हुई एक बहुत ही गंभीर समस्या है। छुआछूत हमारे देश के लिए एक ऐसी बीमारी है जो दूसरी समस्याओं को पैदा करती है। छुआछूत दीमक की तरह होती है जो हमारे देश को अंदर से खोखला कर रही है।
हमारे देश में अनेक समस्याएँ हैं लेकिन छुआछूत बहुत ही भयंकर और घातक सिद्ध होने वाली समस्या है। किसी विद्वान् ने कहा था कि छुआछूत इंसान और भगवान दोनों के प्रति एक पाप है। छुआछूत एक ऐसा कलंक है जिससे हमारा सिर शर्म से झुक जाता है|
भारत में छुआछूत विरोधी प्रयास- भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने छुआछूत को रोकने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये। इन्सान द्वारा इन्सान के भेद से अर्थात् अंग्रेजों की रंगभेद नीति से आन्दोलित होकर उन्होनें अंग्रेजों को भारत की धरती से भगाने का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होनें अंग्रेजों के विरूद्व सत्याग्रह आन्दोलन चलाया। अपने प्रयास में सफल होकर देश को आजादी दिलायी।
कोई भी पिछड़ी एवं दलित जाति का व्यक्ति किसी के भी साथ खेलकूद प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। कोई भी काला व्यक्ति किसी गोरे व्यक्ति के साथ, स्वीमिंग पूल या नदी-तालाबों में नहा सकता है। इस प्रकार के परिवेश ने भी छुआछूत की समस्या को समाप्त करने मंे योगदान दिया।
हरिजनों के विकास के लिए प्रयत्न- सरकार द्वारा हरिजनों के विकास के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाने चाहिये। हरिजन बस्तियों में स्कूल काॅलेज, मन्दिरों, प्रशिक्षिण केन्द्रोें, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के केन्द्रों, सभी प्रकार की वस्तुओं ले मार्केट स्ािापित करने चाहिये।
उपसंहार- यदि हम दिशा में पूरी तरह इस समस्या के बारे में विचार करके उपरोक्त उपाय करें तो वह दिन दूर नहीं कि इस मानवीय कोढ़ से छुटकारा पाया जा सकता है।
hope it will help you ✌️✌️