समाज सुधारक समाज में व्याप्त बुराइयों को पूर्णत: समाप्त करने में विफल रहे, इस कथन पर अपना मत प्रकटकीजिए।
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संसार में अनेक महान समाज सुधारक हुए हैं। वे अपने समाज सुधार के कार्यों से अपना नाम अमर कर गए हैं। हर युग में अनेक समाज सुधारक समाज को सुधारने का कार्य करते रहे हैं, पर समाज में व्याप्त बुराइयों की तुलना में उनकी संख्या नगण्य है। इसके अलावा समाज सुधारकों को जनता का पर्याप्त सहयोग भी नहीं मिल पाता। इसलिए वे अपने कार्य में पूर्णतः सफल नहीं हो पाते। इतना ही नहीं, भिन्न-भिन्न कारणों से समाज विरोधी तत्त्व भी अपने स्वार्थ के कारण समाज सुधारकों के दुश्मन बन जाते हैं। इससे समाज सुधारकों के कार्य में केवल अड़चनें ही नहीं आतीं, बल्कि उनकी जान पर भी बन आती है। इसलिए समाज सुधारकों के लिए समाज में व्याप्त बुराइयों को पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं हो पाया। आए दिन लोगों के प्रति होने वाले अन्याय और अत्याचार की घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि समाजसुधारक समाज में व्याप्त बुराइयों को पूर्णतः समाप्त करने में विफल रहे हैं।