समाजसेवा हेच मानवतेचा धर्म essay Jo bhi sahi jawab nahi dega vo Ma* dar c* hoot
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कानपुर देहात-समाज में आज भी धर्म जाति से ऊपर उठकर कुछ लोग हैं, जो मानवता की मिशाल बने हुए हैं। ऐसे ही एक नजीर एहतिशाम खान हैं, जो कानपुर देहात के रसूलाबाद कस्बा निवासी हैं। परिवार के पोषण के लिए मेडिकल स्टोर संचालन कर लोगों की सेवा करते हैं। इसके साथ ही सामाजिक सेवाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। मुस्लिम धर्म में जन्मे एहतिशाम समाजसेवा को अपना धर्म मानते हैं। इस वैश्विक महामारी में आर्थिक रूप से गरीबों, असहायों को करीब ढाई हजार फेसमास्क वितरित कर उन्हें राहत पहुंचाई है। वहीं अपने फ़ुरसत के समय में वो समाजसेवा में तल्लीन रहते हैं। सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों को भूंखा प्यासा देख उनकी सेवा में लग जाते हैं। धार्मिक पर्व या समय समय पर वह असहाय लोगों का सहयोग करते रहते हैं। क्षेत्र के लोग उनकी सराहना करते नजर आते हैं।
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