Environmental Sciences, asked by smahra398, 4 months ago

समाजशास्त्र एवं इतिहास में अंतर लिखिए​

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Answered by MITAN19
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समाज शास्त्र और इतिहास में अंतर

1- समाजशास्त्र का क्षेत्र विस्तृत होता है, जबकि इतिहास का क्षेत्र सीमित होता है|

2-समाजशास्त्र एक सामान्य विज्ञान है क्योंकि इसका संबंध समाज से है ,जबकि इतिहास एक विशेष विज्ञान है क्योंकि इसका संबंध केवल ऐतिहासिक घटनाओं से ही है|

3- समाजशास्त्र वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग करता है, जबकि इतिहास ऐतिहासिक विधियों का प्रयोग करता है|

4- समाजशास्त्र प्राचीन घटनाओं से अधिक संबंधित नहीं है, इतिहास प्राचीन घटनाओं का अध्ययन करता है| 5-समाजशास्त्र सभ्यता और संस्कृति की उत्पत्ति एवं विकास की क्रियाओं का अध्ययन करता है ,इतिहास सभ्यता और संस्कृति का देश काल के प्रसंग में अध्ययन करता है|

6- समाजशास्त्र विश्लेषण के साथ-साथ समस्याओं को सुलझाने के भी सुझाव देता है इतिहास केवल यथा तथ्यों का वर्णन करता है सुझाव नहीं देता |

7-समाजशास्त्र पुनरावृति वाली घटनाओं से अधिक संबंधित है इतिहास  पुनरावृति वाली घटनाओं से अधिक संबंधित नहीं है|

8- समाजशास्त्र अधिक प्रमाणिक है और इसके पुनः परीक्षण संभव है इतिहास अधिक प्रमाणिक नहीं है, क्योंकि ऐतिहासिक विधि में परीक्षण और पुनरीक्षण संभव नहीं है|

9- समाजशास्त्र अधिक पुराना नहीं है ,जबकि इतिहास विषय अधिक पुराना है|

समाजशास्त्र और मानवशास्त्र :-

समाजशास्त्र एवं मानव शास्त्र में अति घनिष्ट संबंध है| कुछ विद्वान तो इन दोनों शास्त्रों को एक समान समझते हैं इन दोनों में अंतर करना कठिन समझते हैं| इसलिए एक विद्वान  कोबर ने समाजशास्त्र एवं मानव शास्त्र को जुड़वा बहने माना है |इसके अतिरिक्त अन्य विद्वानों ने भी इन दोनों विज्ञानों की निकटता का वर्णन किया है|  रॉबर्ट रेडफील्ड ने तुलनात्मक ढंग से इस तथ्य को इस प्रकार स्पष्ट किया है ,कि पूरे संयुक्त राज्य पर दृष्टि डालने से समाजशास्त्र और मानवशास्त्र में राजनीति और मानव शास्त्र के संबंध की अपेक्षा अधिक निकट संबंध दिखाई पड़ता है ,यह कुछ अंश तक काम करने की प्रणालियों में अधिक समानता के कारण है| हाबेल ने कहा है विस्तृत अर्थों में समाजशास्त्र और सामाजिक मानवशास्त्र एक ही है| सत्यव्रत ने भी इन दोनों विज्ञानों के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाते हुए लिखा है यदि समाजशास्त्र के कपड़े उतार दिए जाएं तो मानव शास्त्र बन जाता है और मानव शास्त्र को कपड़े पहना दिया जाए तो समाजशास्त्र बन जाता है|

मानव शास्त्र को तीन भागों में बांटा गया है :-

भौतिक मानव शास्त्र, जो आदिम मनुष्य तथा तत्कालीन हमारे पूर्वजों की शारीरिक विशेषताओं से संबंधित है सांस्कृतिक मानवशास्त्र, जो आदि मनुष्यों के सांस्कृतिक अवशेषों तथा तत्कालीन अन्य जातियों की जीवित संस्कृति के अध्ययन से संबंधित है सामाजिक मानवशास्त्र, जो आदिम कालीन तथा वर्तमान संस्थाओं और मानव संबंधों का अध्ययन करते हैं| मानव शास्त्र की शाखा के रूप में सामाजिक मानवशास्त्र का क्षेत्र सबसे अधिक विस्तृत है| सामाजिक मानवशास्त्र आदिम संस्कृति का व्यापक अध्ययन करता है और ध्यान से देखने पर समाजशास्त्र मानवीय संस्कृति का ही एक संशोधित रूप है ,वास्तव में सामाजिक मानवशास्त्र भौतिक मानव शास्त्र और समाजशास्त्र को जोड़ने वाली मुख्य कड़ी है मानव शास्त्र के अध्ययन के आधार पर समाजशास्त्र आधुनिक समाज की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करता है दूसरी और समाजशास्त्र द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाली नवीन विधियों और उपकरणों की सहायता से आदिम समाज के छिपे तथ्य सुविधा पूर्वक खोजे जा सकते हैं |

समाजशास्त्र और मानवशास्त्र में अंतर:-

1:- मानव शास्त्र संस्कृतियों का अध्ययन करता है जो छोटी एवं स्थिर होती हैं, जबकि समाजशास्त्र सभ्यताओं का धन करता है जो व्यापक एवं गतिशील होती हैं |यही कारण है कि मानव शास्त्र का विकास समाजशास्त्र की अपेक्षा अधिक तेजी से तथा अधिक उत्तम ढंग से हुआ है |

2:-मानव शास्त्र तथा समाज दो प्रथक प्रथक शास्त्र हैं, क्योंकि मानव शास्त्र अनादि काल से विकसित मनुष्य एवं उसकी संस्कृति का अध्ययन करता है, जबकि समाजशास्त्र उन्हीं घटना वस्तुओं का जिस रूप में वह इस समय है अध्ययन करता है |

3:-समाजशास्त्र का संबंध सामाजिक दर्शन एवं सामाजिक नियोजन दोनों से है, जबकि मानव शास्त्र का संबंध सामाजिक नियोजन से नहीं है| यह भविष्य के लिए कोई सुझाव नहीं देता|

4:- समाजशास्त्र एक विशुद्ध विज्ञान है, जबकि मानव शास्त्र एक व्यावहारिक विज्ञान है |

5:-समाजशास्त्र का दृष्टिकोण सामाजिक और व्यापक है, मानव शास्त्र का दृष्टिकोण सांस्कृतिक होता है, क्योंकि मानव शास्त्र का अधिक ध्यान मानव संस्कृति की उत्पत्ति व विकास पर होता है|

6:-दोनों की पद्धतियां भिन्न है सामाजिक सर्वेक्षण, समाजमिति आदि पत्तियों का समाजशास्त्रीय अध्ययन में विशेष महत्व है ,मानवशास्त्रीय अध्ययन में सहभागी अवलोकन का अधिक प्रयोग किया जाता है|

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