समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन क्यों महत्त्वपूर्ण है?
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Answer with Explanation :
समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उस विषय से संबंधित मुद्दों की जानकारी हम इसके बारे में पढ़कर ही लगा सकते हैं। अगर हमें उस विषय के बारे में यह ही नहीं पता होगा कि यह कहां से शुरू हुआ, कैसे विकसित हुआ तथा इसमें कौन-कौन से मुद्दे तथा सरोकार है तो हम इस विषय के बारे में कैसे अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
उदाहरण के लिए समाजशास्त्र के अधिकतर मुद्दे उस समय से संबंधित है जब यूरोपियन समाज औद्योगिकरण के परिवर्तन की चपेट में था तथा सामाजिक परिवर्तन हो रहा था। इसलिए अगर हमें सामाजिक परिवर्तन के बारे में पता करना है , जो कि समाजशास्त्र का एक महत्वपूर्ण सरोकार है तो हमें औद्योगिकरण तथा पूंजीवाद के बारे में पता करना पड़ेगा । इसके साथ ही उपनिवेशवाद के बारे में भी पता चल जाएगा कि भारत का अतीत इससे जकड़ा हुआ था। इस प्रकार सभी विषय समाजशास्त्र के उद्गम तथा विकास से संबंधित है तथा इनका अध्ययन काफी महत्वपूर्ण है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
★ उत्तर :-
समाजशास्त्र मनुष्यों, उनके समूहों और समाजों के सामाजिक जीवन का अध्ययन है। समाज को समग्र रूप से समझने के लिए समाजशास्त्र का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। यह समझने में हमारी मदद करता है कि समाज के भीतर की सामाजिक व्यवस्थाएँ आपस में कैसे जुड़ी हैं।
समाजशास्त्र की उत्पत्ति का अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि यह विषय क्यों और इस विषय की उत्पत्ति कैसे हुई। उन सिद्धांतों और धारणाओं को समझने के लिए समाजशास्त्र की उत्पत्ति और विकास का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है जिन पर विषय विकसित और आधारित है।