समीक्षात्मक पठन का अर्थ बताते हुए वैश्विक एवं स्थानीय (ग्लोबल एवं लोकल) समझ की दृष्टि से समीक्षात्मक पठन की उपयोगिता बताइए
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in dont know about this
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sorry for this
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समीक्षात्मक सोच आजीवन चलने वाली ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मनुष्य में जिज्ञासा, अन्वेषणशीलता के साथ-साथ सीखने की ललक बनी रहनी चाहिये। समीक्षात्मक सोच में महारत हासिल करने के लिए आपको सवाल पूछते रहना होगा और इसके साथ-साथ अपनी और दूसरों की गलतियों से भी सीखना होगा।
व्याख्या:
समीक्षात्मक सोच हमें हमारी पुर्वानुमानित सोच के दायरे से बाहर लाकर व्यावहारिक निष्कर्ष तक पहुँचने में मदद करती है। ये दूसरों की चीजों को मानने या अपनाने के साथ-साथ प्रेरणादायक और मिलनसार बनने में हमारी मदद करती है।
आज पर्यावरण की समस्याओं पर हमारे जीवन की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु संपादित हो रही विकास योजनाओं पर गंभीरता से विचार करने पर लगता है कि हम पर्यावरण संरक्षण एवं विकास का सामंजस्य स्थापित कर सकेत हैं। हम पर्यावरण संरक्षण के साथ देश का ठोस विकास भी कर सकते हैं। हम मजदूर, पर्यावरण, व्यापार एवं विकास का तारतम्य स्थापित करने की दिशा में कार्य करके भविष्य का सृजन कर सकते हैं।
समीक्षात्मक सोच आजीवन चलने वाली ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मनुष्य में जिज्ञासा, अन्वेषणशीलता के साथ-साथ सीखने की ललक बनी रहनी चाहिये। समीक्षात्मक सोच में महारत हासिल करने के लिए आपको सवाल पूछते रहना होगा और इसके साथ-साथ अपनी और दूसरों की गलतियों से भी सीखना होगा।
व्याख्या:
समीक्षात्मक सोच हमें हमारी पुर्वानुमानित सोच के दायरे से बाहर लाकर व्यावहारिक निष्कर्ष तक पहुँचने में मदद करती है। ये दूसरों की चीजों को मानने या अपनाने के साथ-साथ प्रेरणादायक और मिलनसार बनने में हमारी मदद करती है।
आज पर्यावरण की समस्याओं पर हमारे जीवन की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु संपादित हो रही विकास योजनाओं पर गंभीरता से विचार करने पर लगता है कि हम पर्यावरण संरक्षण एवं विकास का सामंजस्य स्थापित कर सकेत हैं। हम पर्यावरण संरक्षण के साथ देश का ठोस विकास भी कर सकते हैं। हम मजदूर, पर्यावरण, व्यापार एवं विकास का तारतम्य स्थापित करने की दिशा में कार्य करके भविष्य का सृजन कर सकते हैं।
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