सम्पादक को पत्र लिखकर अपने मुहल्ले में शराब की दुकान होने के कारण आ रही समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करायें।
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शराब ठेका बंद कराने के लिए कृषि मंडी सचिव ने कलेक्टर को पत्र भेजा
शराब ठेके के विरोध में ग्रामीणों का धरना जारी
घिरणियाबड़ा गांव में शराब ठेके को आबादी क्षेत्र में लगाने के विरोध में ग्रामीणों का धरना 10 दिनों से जारी है। मेघवाल मोहल्ले के 61 परिवारों की महिलाएं पुरुष 10 दिनों से शराब ठेके को हटाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन से लेकर पुलिस आबकारी विभाग के सामने तक शिकायत की, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। अभी तक शराब ठेके का स्थान नहीं बदला गया है। शराब कारोबारियों के आगे आबकारी विभाग प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा है।
ग्रामीणों का विरोध इस बात से है कि आबादी क्षेत्र में शराब ठेका होने से लोगों का उसी रास्ते से आवागमन है। पास ही मंदिर भी है। कमीशन के खेल में ग्रामीणों की मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है। रविवार को धरने आंदोलन के 10 दिन होने पर ग्रामीणों ने सोमवार को फिर से कलेक्टर से मिलने का फैसला किया है। पूर्व सरपंच मोहनसिंह फौजी, अर्जुनराम बुरड़क, सियाणसिंह, गुमानीराम शर्मा, रामनिवास शर्मा, वार्ड पंच राजू देवी, रामकुमार, बनवारी लाल समेत कई लोग धरने पर रहे। गौरतलब है कि घिरणिया बड़ा गांव में मेघवाल मोहल्ले के बीच में आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदार की नई दुकान की लोकेशन स्वीकृत की है। गांव के बीच इस मोहल्ले में से लोगों को दिनभर आना जाना लगा रहता है। महिलाओं बच्चे भी मोहल्ले में रहते हैं। ऐसे में शराबियों उत्पात करने वाले लोगों को गांव के बीच आबकारी विभाग स्थापित करना चाह रहा है। इसके विरोध में मोहल्ले के करीब 61 परिवारों के लोग 10 दिनों से रात-दिन धरना दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई नुमाइंदा वार्ता करने नहीं पहुंचा है।