World Languages, asked by malikagupta2015, 4 months ago

सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता।
उदये सविता रक्तो रक्तः च अस्ते तथा।।2।।​

Answers

Answered by bhatiamona
18

उदये सविता रक्तो रक्त:श्चास्तमये तथा।

सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता॥

भावार्थ : इस श्लोक का अर्थ है , जब सूर्य उदय होता है , सूर्य का रंग लाला होता है और सूर्य अस्त होते हुए भी सूर्य का रंग लाल होता है | यह भी सत्य है कि महापुरुष सुख और दुःख में समान रहते है | महापुरुष हर स्थिति में एक जैसे रहते है | वह सब के प्रति प्रेम-भाव रखती है |

Answered by mathematicsclass276
3

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