Hindi, asked by DynamiteAshu, 4 months ago

समास की परिभाषा और उसके सभी भेदों का वर्णन कीजिए उदाहरण सहित।​

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Answered by Anonymous
8

Explanation:

hope it's helps you..

mera exam bilkul bhi accha nahi hua..

see.. my paper...

bus 1 hour diya solve karne ke liye..

jo last ke questions hai na.. 10, 11...vo nahi kiye...kyuki mam ne chiin liya tha.. ☹️

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Answered by arloY
6

समास का तात्पर्य है ‘संक्षिप्तीकरण’।

समास के छः भेद हैं:

1.अव्ययीभाव

2.तत्पुरुष

3.द्विगु

4.द्वन्द्व

5.बहुव्रीहि

6.कर्मधारय

Explanation:

दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। जैसे – ‘रसोई के लिए घर’ इसे हम ‘रसोईघर’ भी कह सकते हैं। संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं में समास का बहुतायत में प्रयोग होता है।

1. अव्ययीभाव समास

जिस समास का पहला पद(पूर्व पद) प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे – यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर) इनमें यथा और आ अव्यय हैं।

कुछ अन्य उदाहरण –

आजीवन – जीवन-भर

यथासामर्थ्य – सामर्थ्य के अनुसार

2.तत्पुरुष समास

जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे – तुलसीदासकृत = तुलसीदास द्वारा कृत (रचित)

ज्ञातव्य- विग्रह में जो कारक प्रकट हो उसी कारक वाला वह समास होता है।

3.कर्मधारय समास

जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है। जैसे –चंद्रमुख चंद्र जैसा मुख कमलनयन कमल के समान नयन

देहलता देह रूपी लता दहीबड़ा दही में डूबा बड़ा

नीलकमल नीला कमल पीतांबर पीला अंबर (वस्त्र

4.द्विगु समास

जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इससे समूह अथवा समाहार का बोध होता है। जैसे –

नवग्रह नौ ग्रहों का समूह दोपहर दो पहरों का समाहार

त्रिलोक तीन लोकों का समाहार चौमासा चार मासों का समूह

5.द्वन्द्व समास

जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर ‘और’, अथवा, ‘या’, एवं लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे-

समस्त पद समास-विग्रह समस्त पद समास-विग्रह

पाप-पुण्य पाप और पुण्य अन्न-जल अन्न और जल

सीता-राम सीता और राम खरा-खोटा खरा और खोटा

ऊँच-नीच ऊँच और नीच

6.बहुव्रीहि समास

जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे –

समस्त पद समास-विग्रह

दशानन दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण

नीलकंठ नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव

सुलोचना. सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी

पीतांबर

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