Hindi, asked by A716, 11 months ago

समास-विग्रह कर समास का नाम लिखिए-

आनंदमग्न
, चंद्रशेखर,
जनसेवक,
राष्ट्रध्वज,
ऋणमक्त,
अजादर,
बालोचन,
चरणकमल,
सत्यासत्य,
नवरात्रि,
पीताम्बर,
वर्षाऋतु
, पंकज​

Answers

Answered by jayathakur3939
20

आनंदमग्न  :- आनंद में मग्न (तत्पुरुष समास )

चंद्रशेखर  :- चन्द्रमा है जिसके शिखर पर अर्थात शिवजी (  बहुव्रीहि समास )

 जनसेवक :- जन (लोग) का सेवक ( तत्पुरुष  समास )

राष्ट्रध्वज :- राष्ट्र का ध्वज,

ऋणमक्त :- ऋण से मुक्त ( तत्पुरुष  समास )

अनादर :- न आदर हो जिसका ( कर्मधारय समास  )

बोलचाल :- बोल और चाल  ( द्वन्द्व समास )

चरणकमल :- कमल के समान चरण

सत्यासत्य :-  सत्य और असत्य ( द्वंद्व समास )

नवरात्रि :-   नौ रात्रियों का  समाहार  ( द्विगु समास  )

पीताम्बर :- पीला है अम्बर जिसका   ( बहुब्रीहि समास  )

पंकज :-  कीचड़ में उगता है जो (कमल) - ( बहुव्रीहि समास )

समास  की परिभाषा :-

'समास' शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है 'छोटा रूप'। अतः जब दो या दो से अधिक शब्द (पद) अपने बीच की विभक्तियों का लोप कर जो छोटा रूप बनाते है, उसे समास, सामाजिक शब्द या समस्त पद कहते है।  किसी समस्त पद या सामासिक शब्द को उसके विभिन्न पदों एवं विभक्ति सहित पृथक् करने की क्रिया को समास का विग्रह कहते है।

समास के प्रकार : -

समास छः प्रकार के होते है : -  

1. अव्ययीभाव समास

2. तत्पुरुष समास

3. द्वन्द्व समास

4. बहुब्रीहि समास

5. द्विगु समास

6. कर्म धारय समास

. तत्पुरुष समास :

तत्पुरुष समास में दूसरा पद (पर पद) प्रधान होता है अर्थात् विभक्ति का लिंग, वचन दूसरे पद के अनुसार होता है।  इसका विग्रह करने पर कर्ता व सम्बोधन की विभक्तियों(ने,हे,ओ,अरे) के अतिरिक्त किसी भी कारक की विभक्त प्रयुक्त होती है तथा विभक्तियों के अनुसार ही इसके उपभेद होते है।  

द्वन्द्व समास : - द्वन्द्व समास में दोनों पद प्रधान होते है।  दोनों पद प्रायः एक दूसरे के विलोम होते है, सदैव नहीं।  इसका विग्रह करने पर 'और' अथवा 'या' का प्रयोग होता है।

बहुब्रीहि समास : -

बहुब्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नही होता।  इसमें प्रयुक्त पदों के सामान्य अर्थ की अपेक्षा अन्य अर्थ की प्रधानता रहती है।  इसका विग्रह करने पर 'वाला, है, जो जिसका, जिसकी, जिसके, वह' आदि आते है।

द्विगु समास : - द्विगु समास में प्रायः पूर्वपद संख्यावाचक होता है तो कभी-कभी परपद भी संख्यावाचक देखा जा सकता है। द्विगु समास में प्रयुक्त संख्या किसी समूह का बोध कराती है अन्य अर्थ का नहीं, जैसा की बहुब्रीहि समास में देखा है।  इसका विग्रह करने पर 'समूह' या 'समाहार' शब्द प्रयुक्त होता है।

कर्मधारय समास : - कर्मधारय समास में एक पद विशेषण होता है तो दूसरा विशेष्य।  इसमें कहीं कहीं उपमेय उपमान का सम्बन्ध होता है तथा विग्रह करने पर 'रूपी' शब्द प्रयुक्त होता है।

Answered by gayatripandey079
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Explanation:

Sex Is A Life Of Person Without Sex We Can Not Survive In Our Earth And

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