समांतर चतुर्भुज के दो आसन्न कोणो के लिए निम्न मे से कौनसी स्थिति संभव नहीं हैं
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Important question
Step-by-step explanation:
A) मुख्य अवधारणाएं और परिणाम
केवल रेखाखंडों से बना एक सरल बंद वक्र एक बहुभुज कहलाता है।
एक बहुभुज का विकर्ण उसके दो अक्रमागत शीर्षों को जोड़ने वाला रेखाखंड होता है।
एक उत्तल बहुभुज वह बहुभुज होता है जिसके किसी भी विकर्ण का कोई भाग उसवेफ बहिर्भाग में न आए।
चतुर्भुज एक ऐसा बहुभुज है जिसकी केवल चार भुजाएँ होती हैं।
एक समबहुभुज ऐसा बहुभुज है, जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं तथा सभी कोण भी बराबर होते हैं।
n भुजाओं वाले बहुभुज के अंतःकोणों का योग (n–2) सरल कोणों के बराबर होता है।
एक चतुर्भुज के अंतःकोणों का योग 360° होता है।
एक बहुभुज के एक ही क्रम में लिये गये सभी बहिष्कोणों का योग 360° होता है।
समलंब वह चतुर्भुज है जिसमें सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समांतर होता है।
पतंग वह चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाओं के दो युग्म बराबर होते हैं।
समांतर चतुर्भुज वह चतुर्भुज है, जिसमें सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म समांतर होता है।
समचतुर्भुज वह समांतर चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाएँ बराबर होती हैं।
आयत वह समांतर चतुर्भुज है, जिसका एक कोण 90° होता है।
वर्ग वह समांतर चतुर्भुज है, जिसमें आसन्न भुजाएँ बराबर होती हैं और एक कोण 90° का होता है।
एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं, सम्मुख कोण बराबर होते हैं तथा विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
एक समचतुर्भुज में विकर्ण परस्पर समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं।
एक आयत में विकर्ण बराबर होते हैं।
उपयुक्त पाँच मापनों से एक चतुर्भुत अद्वितीय रूप से निर्धारित हो सकता है।
एक चतुर्भुज की अद्वितीय रूप से रचना की जा सकती है, यदि उसकी चारों भुजाओं और एक विकर्ण की लंबाइयाँ दी हुई हों।
एक चतुर्भुज की अद्वितीय रूप से रचना की जा सकती है, यदि उसकी तीन भुजाओं और दोनों विकर्णों की लंबाइयाँ दी हुई हों।
एक चतुर्भुज की अद्वितीय रूप से रचना की जा सकती है, यदि इसकी दो आसन्न भुजाएँ और तीन कोण दिये हों।
एक चतुर्भुज की अद्वितीय रूप से रचना की जा सकती है, यदि इसकी तीन भुजाएँ और दो अंतर्गत कोण दिये हों।
(B) हल उदाहरण
उदाहरण 1 से 8 में, चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। सही उत्तर लिखिए।
उदाहरण 1: n भुजाओं वाले एक बहुभुज में विकर्णों की संख्या है-
उदाहरण 2: चतुर्भुज ABCD के एक ही क्रम में लेने पर कोण 3ः7ः6ः4 के अनुपात में है। तब, ABCD है-
(a) पतंग
(b) समांतर चतुर्भुज
(c) समचतुर्भुज
(d) समलंब
हल- सही उत्तर (d) है।
उदाहरण 3: यदि किसी चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोणों पर समद्विभाजित करें, तो वह होगा एक-
(a) समचतुर्भुज
(b) समलंब
(c) आयत
(d) पतंग
हल- सही उत्तर (a) है।
उदाहरण 4: किसी चतुर्भुज के कोणों का योग होता है-
(a) 180°
(b) 270°
(c) 360°
(d) 300°
हल- सही उत्तर (c) है।