Science, asked by mt521668, 1 month ago

समांतर पट्ट
संधारित्र की धारिता का व्यंजक ज्ञात कीजिए​

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Answered by madhupathak2
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Answer:

माना P व Q समान्तर प्लेट संधारित्र की दो प्लेटों के बीच K परावैधुतांक की पट्टिका (प्लेट) C है, जो प्लेटों के बीच रखी गई है। माना प्लेट (पट्टिका) C की मोटाई t है। प्लेट P को आवेशित व Q को पृथ्वी से सम्बन्धित कर दिया गया है। माना P पर आवेश का पृष्ठ घनत्व +σ और Q पर -σ है। स्पष्ट है कि संधारित्र की दोनों प्लेटों के बीच (d - t) दूरी वायु वाला माध्यम तथा t दूरी में K परावैद्युतांक का माध्यम है।

चित्र- समान्तर प्लेट संधारित्र, जबकि आंशिक रूप से परावैद्युत माध्यम उपस्थित हो

वायु की (d - t) मोटाई में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता = σ/∈0 और K परावैद्युतांक की मोटाई t में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता = σ/∈0 K

दोनों तीव्रताएँ P से Q की ओर होती हैं।

अतः एकांक धनावेश को Q से P तक विद्युत तीव्रता के विपरीत ले जाने में किया गया कार्य = प्लेटों के बीच विभवान्तर = तीव्रता × विस्थापन

धारिताको प्रभावित करने वाले कारक-

(i) प्लेटों का क्षेत्रफल

(ii) प्लेटों के बीच की दूरी

(ii) प्लेटों के बीच कामाध्यम

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