समुद्र तट पाठ का सारांश हिंदी में
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निर्मल जी की इस कहानी के दो प्रमुख पात्र हैं – साँप और बाज़। साँप समुद्र किनारे पत्थरों में बनी अँधेरी गुफ़ा में रहता है। उसे इस बात की ख़ुशी है कि उसे न किसी से कुछ लेना है, न ही किसी को कुछ देना है। उसे उस स्थान पर कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। एक दिन एक घायल बाज उसकी गुफा में आ गिरता है। बाज साँप को बताता है कि उसका अंतिम पल आ गया है, पर उसने अपने जीवन के हर पल का आंनद उठाया है।
बाज साँप को कहता है कि आकाश में उड़ना आनन्ददायक होता है। बाज को साँप की गुफा की दुर्गन्ध अच्छी नहीं लगती। वह एक अंतिम बार उड़ान भरना चाहता है। साँप अपने को बचाने के प्रयास से तथा अंतिम इच्छा पूरी करने के लिये बाज को उड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है, किन्तु उड़ने के प्रयास में बाज नदी में गिर जाता है और बहता हुआ समुद्र में गायब हो जाता है।
साँप हैरान होता है की आकाश में उड़ने का मजा क्या होता है जिसके लिये बाज ने अपने प्राण त्याग दिए। साँप के मन में भी उड़ने की इच्छा जागती है। वह उड़ने के लिये अपने शरीर को हवा में उछालता है, तो ज़मीन पर गिर जाता है, किन्तु बच जाता है । वह सोचता है आकाश में कुछ नहीं है, सुख तो ज़मीन में है। इसलिये वह फिर उड़ने का प्रयास नहीं करेगा।
साँप ने कुछ समय बाद सुना जैसे लहरें बाज को श्रद्धांजलि दे रहीं थी, जिसने वीरता से अपने प्राणों की बाजी लगा दी। लेखक कहते हैं वास्तव में जीवन उन्हीं का है जो उसे दाव पर लगा कर चलते हैं। जो मौत को सामने देख कर भी अपना रास्ता नहीं बदलते।
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न-1 घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है।’’ विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर – बाज अपने जीवन से संतुष्ट था। उसने जितना जीवन जिया, पूरी तरह से जिया था। उसने अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाया था और हर सुख भोग था। उसे तसल्ली थी कि उसने स्वतंत्र व आंनदपूर्ण जीवन जिया था। उसने अपने जीवन के हर पल को साहस और वीरता से व्यतीत किया था।
प्रश्न-2 बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?
उत्तर – बाज बहुत ही वीर और साहसी प्राणी था। उसने आजीवन अपनी क्षमताओं का सुख भोगा था। परन्तु अपने अंतिम समय में वह दुर्गन्धपूर्ण वातावरण में लाचार होकर अपने प्राण नहीं त्यागना चाहता था। वह एक अंतिम बार उड़ान भरकर, जीवन की अंतिम घड़ियों में आनंद उठाना चाहता था।
प्रश्न-3 साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?
उत्तर – सांप ने अपना जीवन उस गुफा के दुर्गन्धपूर्ण वातावरण में बिताया था। उसने कभी भी स्वछंदता का सुख नहीं भोगा था। लेकिन बाज अधमरा होते हुए भी आकाश में उड़ना चाहता था। यह देखकर सांप के मन में उथल-पुथल मच गई। उसने सोचा की आकाश में ऐसी क्या विशेषता है जो बाज घायल होने के बावजूद भी उड़ने को बेचैन था। अपनी इस दुविधा को शांत करने की लिए और आकाश का रहस्य जानने के लिए सांप ने उड़ने की कोशिश की थी।
प्रश्न-4 बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?
उत्तर – बाज बहुत ही साहसी प्राणी था। वह हर परिस्तिथि का सामना वीरता से करता था। शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी। जीवन के अंतिम पलों का आनंद उठाने के लिए उसने अपनी जान की बाज़ी लगा दी। प्रकृति ने उसकी वीरता पर श्रद्धांजलि अर्पित की। लहरों ने भी बाज की वीरतापूर्ण जीवन की प्रशंसा के गीत गाए।
प्रश्न-5 घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?
उत्तर – सांप एक कायर प्राणी था। वह आजीवन अपनी सुरक्षा और सुख को महत्व देता रहा। एक दिन अचानक उसकी गुफा के पास एक घायल बाज आ गिरा तो वह डर गया। उसे चिंता हुई की बाज उसे कोई हानि न पहुंचाए। परन्तु जब उसने बाज को घायल और अधमरा पाया तो उसका डर निकल गया। अपने शत्रु को लाचार पाकर उसे सुरक्षित महसूस हुआ और वह खुश हो गया।
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