Hindi, asked by meanuradhajha, 8 months ago

samachar patra par nibadh likhiya (80 words)
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Answers

Answered by ItzMADARA
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भूमिका –

पुराने जमाने में लोगों तक सूचना पहुंचाने का कोई साधन नहीं था, या तो किसी को घोड़े पर भेज कर या फिर कबूतर के गले में चिट्ठी बांधकर सूचना का आदान प्रदान किया करते थे. लेकिन वक्त बदलता गया और समाचार पत्र का उद्गम हुआ.

इसके आने के बाद तो जैसे सूचनाओं का भंडार ही मिल गया. सर्वप्रथम समाचार पत्र इटली के बेसिन नामक जगह पर छपा था. इसके बाद सभी देशों ने इसकी महत्वता समझी और सभी स्थानों का इसका उपयोग होने लगा. 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारत में भी समाचार पत्रों को छापना शुरू कर दिया था.

समाचार पत्रों का महत्व – Samachar Patra ka Mahatva

समाचार पत्र की महत्वता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि इसे प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति पढ़ना पसंद करता है और सभी इसको खरीदने की क्षमता भी रखते है इसलिए समाचार पत्र सूचना पहुंचाने का सबसे सस्ता और सुलभ साधन है.

समाचार पत्र का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इनको पढ़ने वालों की संख्या में भी बढ़ती हो रही है क्योंकि इसको बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी पढ़ना पसंद करते है, सभी के लिए इसमें कुछ ना कुछ सूचनाएं दी हुई होती है.

व्यापारी वर्ग के लोग इसे इसलिए पढ़ते हैं क्योंकि उन्हें प्रतिदिन के बाजार भाव पता लग जाते हैं और देश दुनिया में बाजार की स्थिति कैसी है यह भी पता लगता है साथ ही व्यापारी लोग अपनी व्यावसायिक उन्नति के लिए अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करवा सकते है इससे उनको बहुत लाभ प्राप्त होता है.

विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र बहुत ही महत्व की वस्तु है क्योंकि इसमें विज्ञान राजनीति शिक्षा और विभिन्न योजनाओं की जानकारी संबंधी बातें छपी हुई होती है साथ ही बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी अखबारों में प्रकाशित होता है.

रोजगार ढूंढ रहे युवाओं के लिए अखबार बहुत महत्व की चीज है क्योंकि देश-विदेश में जितनी भी कंपनियां हैं वे सभी भर्ती के लिए अखबारों में सूचना देती है जो कि युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सूचना होती है.

अन्य वर्ग के लोग भी देश विदेश और अपने आस पास घट रही घटनाओं की जानकारी चाहते है इसलिए वे अखबार पढ़ते हैं और अपनी जिज्ञासा को शांत करते है. आजकल तो अखबारों में खबरों के साथ-साथ विशेषज्ञों की राय और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं भी प्रकाशित होने लगी है जो कि सभी वर्ग के लोगों को लुभाती है.

समाचार पत्र देश दुनिया की खबर देने के साथ-साथ सत्य और असत्य में फर्क भी बताते है, वे राजनीति में चल रही घटनाओं का विश्लेषण करके प्रकाशित करते है. जो भी सरकार घोटाले बाजी करती है उनको प्रमुखता से दिखाती है और जनता को सच बताते है.

यह सरकार की आवाज जनता तक और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का सबसे अच्छा साधन है.

निष्कर्ष –

वर्तमान में खबर और सूचनाएं पाने के लिए समाचार पत्र सबसे प्रमुख स्त्रोत है. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इसे कहीं पर भी ले जाकर पढ़ सकते है. अगर अखबार नहीं होते तो शायद दुनिया इतनी तेजी से प्रगति नहीं कर पाती. हालांकि अब सूचनाएं पहुंचाने के अनेक टेक्नोलॉजी वाले साधन आ गए है.

लेकिन शांतिपूर्वक और आराम से सूचनाएं तो अखबार में ही पढ़ी जा सकती है. किसी भी देश या विदेश की स्थिति जानने के लिए वहां का अखबार पढ़ लेने मात्र से वहां की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Answered by sourya1794
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प्रत्येक आदमी की यह जन्मजात इच्छा होती है कि उसे अपने आस-पास घटने वाली सभी बातों की जानकारी मिलती रहे। इसके अलावा इन नई-नई बातों को दूसरों तक पहुँचाने में भी मनुष्य बड़े आनंद का अनुभव करता है। इसीलिए यह कहा जाता है कि नई-नई बातों की जिज्ञासा और दूसरों के समक्ष उनको अभिव्यक्त करना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। 'समाचार-पत्र' मनुष्य की इसी इच्छा को पूरा करने का काम करते हैं। समाचार-पत्रों के माध्यम से वह अपनी बाहरी दुनिया से जुड़ जाता है। देश-विदेश में क्या हो रहा है इन सब की जानकारी देने का काम करते हैं।समाचार-पत्रों से एक ओर तमाम घटनाओं की सूचना मिलती है तो दूसरी ओर ज्ञान-वृद्धि और मनोरंजन भी होता है। समाचार-पत्रों में हर व्यक्ति की रुचि की सूचना-सामग्री होती है। खेलों में शौक रखने वालों को खेल-कूद संबंधी जानकारियाँ, राजनीति पसंद लोगों के लिए राजनैतिक गतिविधियाँ, फ़िल्मों के शौकीन लोगों को फ़िल्म समाचार, व्यापारी वर्ग के लिए शेयर बाज़ार तथा बाज़ार भावों की स्थिति आदि के अलावा, देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं की जानकारी, चुनाव समाचार तथा महत्त्वपूर्ण विषयों पर संपादकीय भी समाचार-पत्रों के माध्यम से पढ़ने को मिलते हैं। ज्योतिष तथा भविष्य फल, लॉटरी के परिणाम, परीक्षा परिणाम, तरह-तरह के विज्ञापन भी समाचार-पत्रों के माध्यम से ही जनता तक पहुँचते हैं। समाचार-पत्रों का उत्तरदायित्व देश पर आए किसी संकट के समय और अधिक बढ़ जाता है। चाहे कोई बीमारी फैली हो या आंधी-तूफान या कोई अन्य प्राकृतिक संकट आया हो या देश पर किसी शत्रु देश का आक्रमण हो गया हो तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक नागरिक यही चाहता है कि उसे हर तरफ की विस्तृत जानकारी मिलती रहे। इस कार्य में समाचार-पत्रों की भूमिका अभूतपूर्व रहती है। समाचार-पत्र सूचनाएँ प्राप्त करने का इतना सस्ता साधन है कि किसी भी व्यक्ति को अखबार खरीदने में कोई संकोच नहीं होता समाचार-पत्रों का यह सबसे बड़ा लाभ है कि इनके माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों का पर्दाफ़ाश किया जा सकता है। इसके अलावा समाचार-पत्रों में छपी खबरों के माध्यम से बड़े-बडे राजनेताओं तथा उच्चाधिकारियों का ध्यान अनेक सामाजिक कुरीतियों की ओर खींचा जा सकता है।समाचार-पत्र किसी धर्म, जाति, वर्ग या राजनैतिक पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं तो वे केवल सही सूचनाओं को ही नहीं छुपाते बल्कि जनता को गुमराह भी करते हैं । ऐसे समाचार-पत्र अपने समाचारों से भोली-भाली जनता को भड़काते हैं और राष्ट्र की अखंडता एवं एकता पर कुठाराघात करते हैं। इसके अलावा कुछ समाचार-पत्र अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए अश्लील चित्र तथा अश्लील विज्ञापन और घटिया मनोवृत्ति को बढ़ाने वाली सूचनाएँ भी अपने पत्रों में निकालने लगते हैं । अत: सरकार को इस तरह के पत्रों पर रोक लगा देनी चाहिए। समाचार-पत्र पूँजीपति- वर्ग का खिलौना न बन जाए, यह ध्यान हम सबको रखना चाहिए। समाचार-पत्र देश के शासकों को बराबर यह बताते रहते हैं कि जनता की राय उनके तथा उनके प्रशासन के विषय में क्या है? परंतु इसके लिए समाचार-पत्रों का निष्पक्ष होना बहुत ज़रूरी है। इनके प्रति पाठकों का विश्वास तभी बढ़ेगा जब ये बिना पक्षपात किए, निष्पक्ष भाव से और देश-हित की भावना से अपने पाठकों को सही सूचनाओं से अवगत कराएँ। आज हमारे देश में साक्षरता-दर बढ़ने से समाचार-पत्रों का महत्त्व भी काफी बढ़ गया है। विद्यार्थियों को बचपन से ही समाचार-पत्र पढ़ने की आदत डालनी चाहिए । इससे न केवल नई-नई जानकारियाँ हासिल होंगी, बल्कि उनका बौद्धिक विकास भी होगा।

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