Samachar Patra par nibandh in Hindi 200 word
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अगर हम समाचार पत्रों का इतिहास जानने की कोशिश करे तो यह बहुत ही प्राचीन है, कहा जाता है कि इसकी शुरवात कोलकाता मे हुई थी. पहले समाचार पत्र एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित था, परंतु नित नये आविष्कारों के चलते सूचना का आदान प्रदान तुरंत संभव हो सका. साथ ही साथ छपाई कला में भी दक्षता आई. आजकल कई ऐसी मशीने उपलब्ध है, जिसकी सहायता से चंद घंटो मे हजारो की संख्या में प्रतियाँ तैयार हो जाती है. इन सभी आविष्कारों के चलते समाचार पत्र एक क्षेत्र तक सीमित न रहकर देश विदेशो तक पहुँच गया है.
आज हम घर बैठे दुनिया के हर देश हर कोने की जानकारी समाचार पत्र मे पढ़ सकते है. आज कल पाठक की सुविधा का ध्यान रखते हुये हर भाषा में समाचार पत्र उपलब्ध है, जिसमें खेल कूद, बिज़नेस, राजनीति, शासन प्रशासन आदि कई सारी जानकारी इसमें पाठक को उपलब्ध कराई जाती है. आजकल कई समाचार पत्रों का प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होता है, जिससे देश विदेश कि जानकारी मिलती है.
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प्रत्येक आदमी की यह जन्मजात इच्छा होती है कि उसे अपने आस-पास घटने वाली सभी बातों की जानकारी मिलती रहे। इसके अलावा इन नई-नई बातों को दूसरों तक पहुँचाने में भी मनुष्य बड़े आनंद का अनुभव करता है। इसीलिए यह कहा जाता है कि नई-नई बातों की जिज्ञासा और दूसरों के समक्ष उनको अभिव्यक्त करना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। 'समाचार-पत्र' मनुष्य की इसी इच्छा को पूरा करने का काम करते हैं। समाचार-पत्रों के माध्यम से वह अपनी बाहरी दुनिया से जुड़ जाता है। देश-विदेश में क्या हो रहा है इन सब की जानकारी देने का काम करते हैं।समाचार-पत्रों से एक ओर तमाम घटनाओं की सूचना मिलती है तो दूसरी ओर ज्ञान-वृद्धि और मनोरंजन भी होता है। समाचार-पत्रों में हर व्यक्ति की रुचि की सूचना-सामग्री होती है। खेलों में शौक रखने वालों को खेल-कूद संबंधी जानकारियाँ, राजनीति पसंद लोगों के लिए राजनैतिक गतिविधियाँ, फ़िल्मों के शौकीन लोगों को फ़िल्म समाचार, व्यापारी वर्ग के लिए शेयर बाज़ार तथा बाज़ार भावों की स्थिति आदि के अलावा, देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं की जानकारी, चुनाव समाचार तथा महत्त्वपूर्ण विषयों पर संपादकीय भी समाचार-पत्रों के माध्यम से पढ़ने को मिलते हैं। ज्योतिष तथा भविष्य फल, लॉटरी के परिणाम, परीक्षा परिणाम, तरह-तरह के विज्ञापन भी समाचार-पत्रों के माध्यम से ही जनता तक पहुँचते हैं। समाचार-पत्रों का उत्तरदायित्व देश पर आए किसी संकट के समय और अधिक बढ़ जाता है। चाहे कोई बीमारी फैली हो या आंधी-तूफान या कोई अन्य प्राकृतिक संकट आया हो या देश पर किसी शत्रु देश का आक्रमण हो गया हो तो ऐसी स्थिति में प्रत्येक नागरिक यही चाहता है कि उसे हर तरफ की विस्तृत जानकारी मिलती रहे। इस कार्य में समाचार-पत्रों की भूमिका अभूतपूर्व रहती है। समाचार-पत्र सूचनाएँ प्राप्त करने का इतना सस्ता साधन है कि किसी भी व्यक्ति को अखबार खरीदने में कोई संकोच नहीं होता समाचार-पत्रों का यह सबसे बड़ा लाभ है कि इनके माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों का पर्दाफ़ाश किया जा सकता है। इसके अलावा समाचार-पत्रों में छपी खबरों के माध्यम से बड़े-बडे राजनेताओं तथा उच्चाधिकारियों का ध्यान अनेक सामाजिक कुरीतियों की ओर खींचा जा सकता है।समाचार-पत्र किसी धर्म, जाति, वर्ग या राजनैतिक पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं तो वे केवल सही सूचनाओं को ही नहीं छुपाते बल्कि जनता को गुमराह भी करते हैं । ऐसे समाचार-पत्र अपने समाचारों से भोली-भाली जनता को भड़काते हैं और राष्ट्र की अखंडता एवं एकता पर कुठाराघात करते हैं। इसके अलावा कुछ समाचार-पत्र अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए अश्लील चित्र तथा अश्लील विज्ञापन और घटिया मनोवृत्ति को बढ़ाने वाली सूचनाएँ भी अपने पत्रों में निकालने लगते हैं । अत: सरकार को इस तरह के पत्रों पर रोक लगा देनी चाहिए। समाचार-पत्र पूँजीपति- वर्ग का खिलौना न बन जाए, यह ध्यान हम सबको रखना चाहिए। समाचार-पत्र देश के शासकों को बराबर यह बताते रहते हैं कि जनता की राय उनके तथा उनके प्रशासन के विषय में क्या है? परंतु इसके लिए समाचार-पत्रों का निष्पक्ष होना बहुत ज़रूरी है। इनके प्रति पाठकों का विश्वास तभी बढ़ेगा जब ये बिना पक्षपात किए, निष्पक्ष भाव से और देश-हित की भावना से अपने पाठकों को सही सूचनाओं से अवगत कराएँ। आज हमारे देश में साक्षरता-दर बढ़ने से समाचार-पत्रों का महत्त्व भी काफी बढ़ गया है। विद्यार्थियों को बचपन से ही समाचार-पत्र पढ़ने की आदत डालनी चाहिए । इससे न केवल नई-नई जानकारियाँ हासिल होंगी, बल्कि उनका बौद्धिक विकास भी होगा।
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