India Languages, asked by dhanushaj7580, 1 year ago

Samachar patra patrika aur television par aapne aisi anek ghatnaye dekhi suni hogi jis mein logon ne bina kisi lalaj ke dusro ki sahayata ki ho ya imandari se kaam kiya ho aise samachar tatha lekh ektrit karen aur kam se kam do ghatnao par apni tippani likhiye

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Answered by shailajavyas
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Answer:

  घटना  1 : - प्रयागराज में चौखंडी कीडगंज निवासी मनोज निषाद पुलिस की नजर में एक्सपर्ट गोताखोर है। गंगा या यमुना में कहीं हादसा होने पर जल पुलिस मनोज की मदद लेती है। मनोज निषाद करीब आठ साल से नए यमुना पुल के नीचे नाव में हमेशा मौजूद रहता है। कोई हादसा होने पर वह तुरंत मदद के लिए जाता है। आठ सालों में न जाने कितने लोगों की वह जान बचा चुका है। कोई भी यमुना पुल से छलांग लगाता है, पुलिस उसे कॉल करके बुलाती है।----समाचार पत्र

घटना  2 : -  न्यूज चैनल  :  Gujarat: देखिये वडोदरा बाढ़ में एसआई गोविंद चावडा  ( SI Govind Chavda) ने सिर पर रखकर डेढ़ माह की मासूम बच्ची को बचाया | - - वडोदरा की घटना  

                  उपर्युक्त घटनाओं के द्वारा मनुष्यता के चरमोत्कर्ष के सम्पूर्ण दर्शन होते है जहाँ व्यक्ति अपने विषय मे न सोचकर किसी अन्य के विषय में सोचता है | इस निस्वार्थता को हमने देवत्व इसलिए नहीं कहा क्योंकि स्वार्थ तो देवताओं को भी लगा है ; --  तुलसीदासजी ने कहा है " सुर नर मुनि सबके अस रीति | स्वारथ लाग करही सब प्रीति ||" अस्तु मनुष्य जब अपने सत्कर्म में  निस्वार्थ भाव से ऊँचा उठता है तो वह देवत्व से आगे ईश्वरीय तत्व को छू लेता है |  

                        हमें जब भी कोई भीषण संकट से निकालता है तो हम उसे भगवान का दर्जा देते है | किसीको संकट से निकाले , भूखे को भोजन दे , ठंड से ठिठुरते इंसान को कंबल दे , इसी में मानव जीवन की सार्थकता है वरना अपने लिए तो जानवर भी जी लेते है  | इसीलिए मैथिलीशरण गुप्तजी ने कहा है----- "यह पशु प्रवृत्ति है कि आप ही आप चरे |

                                                                वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे |"  

धन्य है वह जीवन जो दूसरों  के काम आए | धन्य है ऐसे व्यक्ति तथा महापुरुष जो इतनी सुंदर और कल्याणकारी भावनाओं और जज्बे के धनी है |

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