Samachar patra patrika aur television per aapane aisi ghatna dekhi suni hogi din mein logon ne bina kisi lalach ke dusre ki sahayata ki hai ya se kam kiya ho sh 62 lekar aur kam se kam do karna aur apne likhe answer bataiye iska
Answers
Explanation:
आपके विचार से एक सतगुरु संपन्न व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है
प्रश्न
समाचार पत्र और टेलीविजन पर आपने ऐसी घटना देखी सुनी होगी दिन में लोगो ने बिना किसी लालच के दूसरे की सहायता की है या ऐसे काम किए हो जो निस्वार्थ हो, दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर
बिना किसी लालच के काम करना , आज के युग में असंभव सा लगता है , परन्तु आज भी ऐसे लोग है जो निस्वार्थ सेवा भाव से दूसरों की सहायता करते है। ऐसे दो दृष्टांत नीचे दिए गए है।ये दृष्टांत मैंने टेलीविजन तथा समाचार पत्रों से लिए है।
पहला दृष्टांत
• एक बार दिल्ली शहर के बस अड्डे पर एक व्यक्ति खड़ा अपनी बस का इंतज़ार कर रहा था , थोड़ी ही देर में दूसरा व्यक्ति हताश निराश सा दौड़ता आया, कहने लगा कि मेरे पिताजी को अचानक दिल का दौरा पड़ा है, घर से फोन आया है, बस में एक भी सीट रिक्त नहीं है, दूसरी बस चार घंटे बाद है। तब तक मेरी अकेली मां क्या करेगी, कृपया मेरी मदद कीजिए , मुझे अपनी टिकट दे दीजिए । मै पैसे दे रहा हूं।
पहले व्यक्ति ने उस व्यक्ति को सांत्वना दी कि घबराए नहीं, ईश्वर पर भरोसा रखिए। आप मेरी टिकट लेकर बहस में चेक जाइए, मै दूसरी बस में चला जाऊंगा।
उस व्यक्ति ने टिकट के पैसे भी नहीं लिए।
दूसरा दृष्टांत
• बात उस वक्त की है जब दसवीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू थी, नैना नामक लड़की अपने भाई के साथ कार में परीक्षा देने जा रही थी, वे घर से निकले ही थे कि पास की इमारत से एक लड़की बहुत परेशान ईधर उधर देख रही थी, इन लोगो ने उससे परेशानी का कारण पूछा तो उस लड़की ने नैना से कहा कि आज उसकी भी दसवीं की परीक्षा है तथा उसका ऑटो वाला अाज नहीं आया है क्योंकि आज रिक्शा वाले हड़ताल पर गए है।
यह बात सुनते ही नैना ने उस लड़की को उनकी कार की पिछली सीट पर तुरंत बैठने को कहा तथा नियत समय पर उसे भी परीक्षा हॉल में पहुंचाया।
उस प्रकार निस्वार्थ काम करने वाले भी लोग है।