Hindi, asked by AnanyaApurba567, 11 months ago

samachar patro pe vighapan par anuched In hindi
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Answered by palakahuja832
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अगर हम समाचार पत्र के बारे में ऐसा कहें कि यह हमारे सुबह की पहली जरूरत है, तो यह गलत नहीं होगा. हममें से कुछ लोग तो ऐसे है, जिन्हें बिना समाचार पत्र पढे सुबह की चाय पीना भी पसंद नहीं . याद कीजिये दीपावली और होली का दूसरा दिन जब समाचार पत्र की अनुपस्थिति में हमारी सुबह सूनि-सूनि सी होती है. साल में यही दो-तीन दिन होते है, जब हमें सुबह समाचार पत्र प्राप्त नहीं होता, अन्यथा अन्य सभी दिन हर सुबह बहुत ही अनुशासित ढंग से हमें हमारा समाचार पत्र प्राप्त होता है. चाहे वह बारिश भरी रात हो या ठंड से भरी सुबह हमें हमारा समाचार पत्र रोज की ताजा खबरों के साथ अपने घर की दहलीज पर मिल ही जाता है.

अगर हम समाचार पत्रों का इतिहास जानने की कोशिश करे तो यह बहुत ही प्राचीन है, कहा जाता है कि इसकी शुरवात कोलकाता मे हुई थी. पहले समाचार पत्र एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित था, परंतु नित  नये आविष्कारों के चलते सूचना का आदान प्रदान तुरंत संभव हो सका. साथ ही साथ छपाई कला में भी दक्षता आई. आजकल कई ऐसी मशीने उपलब्ध है, जिसकी सहायता से चंद घंटो मे हजारो की संख्या में प्रतियाँ तैयार हो जाती है. इन सभी आविष्कारों के चलते समाचार पत्र एक क्षेत्र तक सीमित न रहकर देश विदेशो तक पहुँच गया है.

आज हम घर बैठे दुनिया के हर देश हर कोने की जानकारी समाचार पत्र मे पढ़ सकते है. आज कल पाठक की सुविधा का ध्यान रखते हुये हर भाषा में समाचार पत्र उपलब्ध है, जिसमें खेल कूद, बिज़नेस, राजनीति, शासन प्रशासन आदि कई सारी जानकारी इसमें पाठक को उपलब्ध कराई जाती है. आजकल कई समाचार पत्रों का प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होता है, जिससे देश विदेश कि जानकारी मिलती है. समाचार पत्रों में  कुछ पेज किसी क्षेत्र विशेष के भी होते है, जिसमें वहाँ की समस्याँ और जानकारी दोनों प्रकाशित की जाती है.

समाचार पत्र  का इतिहास (History of  Newspaper)

सबसे पहला समाचार पत्र वाइसराय हिक्की द्वारा “बंगाल गज़ट” नाम से बंगाल में शुरू किया गया था.  हालाँकि इसके पहले भी कई पन्नेनुमा पत्रों का उपयोग सूचनाओ के आदान प्रदान के लिए किया जाता था. परंतु बंगाल गज़ट ही सबसे पहला पूर्ण रुपेन अखबार है, क्युकी पहले अखबार अग्रेज़ी भाषा मे होते थे, तो यह जनसमान्य के लिए उपयोगी नहीं थे, यह केवल अंग्रेज़ो के उपयोग का साधन मात्र थे. सबसे पहला हिन्दी समाचार पत्र सन 1826 मे “उदंम मार्तड” नाम से प्रकाशित  हुआ. यह एक साप्ताहिक अखबार था, परंतु इसे 1827 में ही दबाव के चलते बंद करना पडा. इसके बाद अंग्रेज़ो के विरूध्द संघर्ष करते हुये बंगालदूत, समाचार सुधा वर्षण, केसरी, वंदे मातरम आदि समाचार पत्रों का संपादन किया गया.

समाचार पत्रों की उपयोगिता/लाभ  (Benefits and use of Newspaper):  

समाचार पत्र हमारी रोज की आदत के साथ-साथ हमारे लिए बेहद उपयोगी भी है, इसकी उपयोगिता अलग-अलग क्षेत्रों में अलग है| आईये हम इसकी कुछ उपयोगिता पर प्रकाश डालते है.

आजादी का हथियार बना : जब अंग्रेज़ो का शासन था, तब जनता अंग्रेज़ो की प्रताड़णा से तंग आकर असहाय बनी हुई थी. ना तो कोई उनकी सुन रहा था, न ही कोई उनके दुखों को कम कर रहा था. 
देश विदेश की जानकारी : कई ऐसे न्यूज़ चेनल है, जिनमें हर न्यूज़ को प्रसारित किया जाता है, परंतु फिर भी समाचार पत्रों की अपनी एक अलग पहचान है. रोज समाचार पत्र पढ़ना और उसमें देश विदेश के समाचार प्राप्त करना, लोगों के जीवन का अहम हिस्सा है.

मनोरंजन का साधन : आजकल समाचार पत्रों में न्यूज़ के साथ साथ मनोरंजन के लिए भी खास चीजे होती है. समाचार पत्रों में हॉलिवुड बॉलीवुड, कहाँनियाँ कई चीजे होती है, जो मनोरंजन के लिए खास है. आज के समय में कई अच्छे और बड़े अखबार मुख्य अखबार के साथ-साथ छोटी प्रतियाँ भी देते है, जो मनोरंजन का साधन बनती है.

खेल को अलग पहचान देना: हम घर बैठे, किस क्षेत्र में किसने क्या उपलब्धि हासिल की तुरंत जान लेते है| कोई भी खेल चाहे वो क्रिकेट हो या टेनिस उससे जुड़ी हर खबर हमें तुरंत हासिल हो जाती है. यह ख़बरे हमें जानकारी देने के साथ साथ खिलाड़ियो के मन में उत्साह भी भरती है. इन खबरों से खिलाड़ी तथा खेल दोनों को ही अलग पहचान मिलती है.

बच्चों के लिए उपयोगी :  समाचार पत्रों  ने अपने बाल पाठ्को पर ध्यान देना भी प्रारंभ कर दिया है| वे उनके लिए अलग पत्रिकाओ के साथ-साथ कई तरह की प्रतियोगिताये भी आयोजित करते है| जिससे उनके मनोरंजन के साथ साथ उन्हे कई जानकारी भी मिलती है, साथ ही रीडिंग हेबिट्स भी बढ़ती है.

विज्ञापन के जरिये चिजों की जानकारी : समाचार पत्रों मे प्रकाशित विज्ञापन के जरिये हम जॉब, वैवाहिकी जैसी कई जानकारी प्राप्त कर सकते है. आजकल समाचार पत्रों में कोई भी नयी वस्तु चाहे वो मोबाइल हो या कार या किचिन से संबंधित कोई चीज उसका विज्ञापन हमे तुरंत देखने मिलता है और हमें इन चिजों की तथा इनकी कीमत की जानकारी मिलती है.

सरकारी योजनाओ की जानकारी : कोई भी सरकारी योजना हो चाहे उसमें कोई परिवर्तन किए गए हो या उसे नया लॉंच किया गया हो, उसकी जानकारी हमें तुरंत समाचार पत्रों में उपलब्ध होती है. ताकि हम उसे जानकर उसका फायदा ले सके.


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