samaj me ladki ke prati badte apradh par editor ko patra
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Answer:
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
अमर उजाला शिमला,
विषय: समाज में लड़कियों के प्रति बढ़ते अपराध पर संपादक को पत्र |
महोदय,
मैं अपने लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से शिमला सरकार का ध्यान समाज में लड़कियों के प्रति बढ़ते अपराध पर अपनी चिन्ता प्रकट करने जा रही हूं। ताकि मेरी बात से लोग जागरूक होकर बढ़ते अपराध के खिलाफ आवाज उठाएं। मैं एक समाज सेविका हूं। आज के समय में लड़की घर से अकेले बहार नहीं जा सकती | उसके साथ ऐसे काम किए जाते है जिसे सोच कर डर लगता है | चाहे छ छोटी हो बड़ी हो सब को अपना शिकार बना रहे है | स्कूल , ऑफिस , कोलेज़ हो सब स्थानों में लकड़ियों का जीना हराम किया है | घर से बहार निकलने के लिए डरती है लड़की | हमें यह सब रोकना होगा , आख़िरकार लड़कियों को भी हक से जीने का अधिकार है | उनके अपने सपने है जो इन्हें पूरे करने है | यह भी आज़ादी से जीना चाहती है | सब को खत्म करने के लिए हमें मिलकर कदम लेने होंगे , लड़कियों की इज्ज़त करनी होगी और सारे उन्हें हक देने होगे |
अतः: मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस लेख को अपने समाचार-पत्र में छापें ताकि प्रशासन इस तरफ़ कोई ठोस कदम उठाए। समाज को भी इस लेख से कुछ सीख मिले ताकि इस समस्या का समाधान हो सकें।
धन्यवाद!
भवदीय,
रुपिला शर्मा |
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