समझाइए, ऐसा क्यों होता है:
(क) जब आप अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं।
(ख) जब चोंटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
(ग) कारखाने के अपशिष्ट को जलाशयों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया
जाता है।
Answers
Answer:
(क) जब आप अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं।
अम्ल को उदासीन करने के लिए प्रति अम्ल ( मिल्क ऑफ मैग्नीशिया) की गोली ली जाती है क्योंकि इसमें मैग्निशियम हाइड्राक्साइड होता है, जो अम्ल को उदासीन कर देता है।
(ख) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
चींटी के डंक में अम्ल होता है , उसे उदासीन करने के लिए कैलेमाइन विलयन ( जिंक कार्बोनेट) का उपयोग किया जाता है।
(ग) कारखाने के अपशिष्ट को जलाशयों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।
कारखानों के अपशिष्ट आमतौर पर अम्लीय प्रकृति के होते हैं। उन्हें उदासीन करना बहुत आवश्यक है कि नहीं तो वे जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए क्षारकीय पदार्थों से इन्हें उदासीन किया जाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ (अम्ल, क्षारक और लवण) के सभी प्रश्न उत्तर :
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
निम्नलिखित कथन यदि सही हैं, तो (T) अथवा गलत हैं, तो (F) लिखिए।
(क) नाइट्रिक अम्ल लाल लिटमस को नीला कर देता है।
(ख) सोडियम हाइड्रॉक्साइड नीले लिटमस को लाल कर देता है।
(ग) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक-दूसरे को उदासीन करके लवण और जल बनाते हैं।
(घ) सूचक वह पदार्थ है, जो अम्लीय और क्षारकौय विलयमनों में भिन्न रंग दिखाता है।
(च) दंत क्षय, क्षार कौ उपस्थिति के कारण होता है।
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दोरजी के रैस्टोरेन्ट में शीतल (मृदु) पेय की कुछ बोतलें हैं। लेकिन दुर्भाग्य से वे चिह्नित नहीं हैं। उसे ग्राहकों की माँग के अनुसार पेय परोसने हैं। एक ग्राहक अप्लीय पेय चाहता है, दूसरा क्षाक्रोय और तीसरा उदासीन पेय चाहता है। दोरजी यह कैसे तय करेगा, कि कौन-सी बोतल किस ग्राहक को देनी है।
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प्रश्न 1. अम्लों और क्षारकों के बीच अंतर बताइए।
उत्तर. अम्लों और क्षारकों में अंतर निम्नलिखित हैं
अम्ल क्षारक
1. इनका स्वाद खट्टा होता है।
2. अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
3. अम्ल जल में वियोजित होकर H’ (हाइड्रोजन धनायन) देते हैं।
4. ये छूने पर चिकने नहीं होते।
5. अम्ल मीथाइल ऑरेंज के घोल को गुलाबी कर देते हैं।
6. अम्ल फिनॉल्फथेलिन को गुलाबी नहीं बनाते।
1. इनका स्वाद कड़वा होता है।
2. क्षार लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
3. क्षार जल में वियोजित होकर OH (हाइड्रॉक्सिल
ऋणायन) देते हैं।
4. ये छूने पर चिकने होते हैं।
5. ये उसे गुलाबी से नीला कर देते हैं।
6. ये उसे गुलाबी बना देते हैं।
प्रश्न 2. अनेक घरेलू उत्पादों; जैसे खिड़की साफ करने के मार्जकों आदि में अमोनिया पाया जाता है। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। इनकी प्रकृति क्या है?
उत्तर. इनकी प्रकृति क्षारीय होती है, क्योंकि क्षार ही लाल लिटमस को नीला करते हैं। ये छूने पर साबुन की तरह चिकने होते हैं।
प्रश्न 3. उस स्रोत का नाम बताइए, जिससे लिटमस विलयन को प्राप्त किया जाता है। इस विलयन का क्या उपयोग है?
उत्तर. लिटमस विलयनों का स्रोत लाइकेनों या शैक होता है। इससे अम्ल और क्षार की पहचान की जाती है।
प्रश्न 4. क्या आसुत जल अम्लीय/क्षारकीय/उदासीन होता है? आप इसकी पुष्टि कैसे करेंगे?
उत्तर. आसुत जल उदासीन होता है क्योंकि इसमें नीला या लाल लिटमस डालने पर इसके रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता। यही उदासीन माध्यम या विलयन की पहचान है।
प्रश्न 5. उदासीनीकरण के प्रक्रम को एक उदाहरण देते हुए समझाइए।
उत्तर. उदासीनीकरण–अम्ल व क्षार अभिक्रिया करके लवण और पानी बनाते हैं, इसे उदासीनीकरण कहते हैं।
उदाहरण:
नमकाम्ल + सोडियम हाइड्रोक्साइड ————–सोडियम क्लोराइड + जल इस अभिक्रिया में ऊष्मा भी निर्मुक्त होती है। (लवण)