समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं।
Answers
जीवाश्म ईंधन के बनने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल एवं लंबी है। जीवाश्म ईंधन जिनके अंतर्गत पेट्रोल डीजल कोयला आदि पदार्थ आते हैं, वह मृत जीवो का ईंधन में परिवर्तित रूप है। यह मृत जीवों जो भूमि में दबे रहे और लाखों वर्षों की प्रक्रिया के फलस्वरूप ईधन में बदले हैं।
जीवाश्म ईधन उत्पन्न नही किया जा सकता है, ये एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जीवाश्म ईधन कुछेक वर्षों में या सैकड़ों वर्षों में नहीं बन गए बल्कि इनको बनने की प्रक्रिया लाखों वर्ष लंबी है और इनका भंडार भी पृथ्वी पर सीमित ही है। इसलिए जीवाश्म ईंधन खत्म हो जाने वाले संसाधन हैं। एक बार यह जीवाश्म ईंधन एकदम खत्म हो गए तब इनका पुनः बनने में लाखों वर्षों का समय लगेगा।
अतः हम कह सकतें हैं कि जीवाश्म ईधन पृथ्वी पर समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।
Answer:
जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं क्योंकि एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात इसे दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। ये मृत जीवों से बनते हैं और मृत जीवों को ईंधन में परिवर्तित होने में लाखों वर्षों का समय लगता हैं।