Samajik mudde par Suchna Hindi mein
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जनहित में जारी सामाजिक मुदे
दहेज प्रथा
दहेज प्रथा हमारे देश और समाज के लिए एक कलंक है जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। दहेज प्रथा के कारण ससुराल वाले लड़की को तंग करते है मारते है और पैसे माँगते है| यह समाज सबसे पुराना रीती-रिवाज है जो आज तक चलता ही जा रहा है, अब बहू – बेटियों की जान भी लेने लगा। दहेज गर्व का नहीं शर्म का विषय है। सब को रोकना चाहिए तभी देश प्रगति कर पाएगा|
कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या हमारे देश के लिए एक कलंक है जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। धर्मों के हिसाब से लड़का परिवार का वंश आगे तक ले कर जाएगा इसलिए लोग अभी तक यह प्रथा पर रिवाज निभाते है और कन्या को पैदा होने से पहले मार देते है | सब को रोकना चाहिए तभी देश प्रगति कर पाएगा |
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सामाजिक मुद्दे
जैसे
दहेज प्रथा जो हमारे देश और समाज के लिए कलंक है । यह दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है ।और इससे पुत्री के पिता को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं । पिता के पास कुछ रहे चाहे ना रहे लेकिन लड़के के परिवार को उसे सारा चीज मुहैया करवाना पड़ता है।
जैसे उन्हें तिलक देना पड़ता है और बर्तन वासन , फ्रीज, पलंग, मोटर गाड़ी इत्यादि ।
यह सब देकर लड़की के पिता का देह छिला जाता है । फिर भी लड़के को पिता को और लड़के के परिवार को इस से कोई मतलब नहीं रहता । उन्हें सिर्फ पैसे और दहेज से मतलब रहता है। यह हमारे समाज में इतना बढ़ते जा रहा है कि लोग दिन प्रतिदिन एक दूसरे की नकल कर कर उसने 200000 ली तो मैं 400000 दहेज लूंगा । इस कथन पर लोग आगे की ओर अग्रसर होते जा रहे हैं। जो कि हमारे समाज की यह सबसे बड़ी बीमारी है । हमें इसे साथ मिलकर दूर करना चाहिए।
सती प्रथा जोकि इसे देश आजाद होने से पहले ही हटा दिया गया था। इसमें पति की मृत्यु के बाद पत्नी को पति के साथ ही जला दिया जाता था । अगर पत्नी स्वेच्छा से जल जाती है, तो उसके साथ जबरदस्ती नहीं करते थे । और पत्नी स्वेच्छा से नहीं जलना चाहती थी , तो उसे जबरदस्ती उसके पति के साथ जला दिया जाता था । अब इस पर तो रोक लग चुकी है।
कन्या भ्रूण हत्या
यह हमारे समाज के लिए अभिशाप बनकर उभरी है । यह दकिया सूची बातें हैं , जो कि हमारा समाज आज तक इसका पालन कर रहा है कि बेटियां बोझ होती है । और इस बोझ से हमें कब छुटकारा मिले । लोग इससे छुटकारा पाने के लिए बेटियों को इस संसार में आंख खुलने भी नहीं देते और उन्हें गर्भ में ही मरवा डालते हैं। इंसान बेटियों को देखना पसंद नहीं करते और उनकी इच्छा होती है, कि हमें सिर्फ बेटा ही हो।
यह हमारे देश के लिए बहुत बुरी बात है। इसे हमें और पूरे समाज को मिलजुल कर इस दकियानूसी बातों को साथ मिलकर दूर करना चाहिए।
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