Samajik niyantran ke uddeshy
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जिस प्रकार नियम कानून के अभाव में कोई राज्य व्यवस्थित रूप से नहीं चल सकता, वैसे ही नियम कानून के अभाव में कोई समाज भी नहीं चल सकता। सामाजिक नियंत्रण की प्रक्रियाओं द्वारा ही समाज संतुलित ढंग से संचालित हो रहता है।
नियंत्रण के स्तर पर समाज और राज्य के बीच यही फर्क है कि राज्य लिखित नियमों से चलता है, जबकि समाज अलिखित नियमों से संचालित होता है। राज्य के नियम योजनाबद्ध तरीके से निर्मित होते हैं, तो समाज के नियम एंव आदर्श समय के साथ स्वत: विकसित होते रहते हैं।
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सामाजिक नियंत्रण का उद्देश्य
सामाजिक नियंत्रण की प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य समाज को अव्यवस्था से बचाना और भविष्य में उसके अस्तित्व को कायम रखना है। जिस प्रकार राज्य अपने नियमों को तोडऩे वालों को दंड देता है, समाज भी सामाजिक नियम कानूनों को तोडऩे वालों को दंडित करता है। इसके कारण लोगों के व्यवहार में निश्चितता एवं एकरूपता बनी रहती है।
Explanation:
सामाजिक नियंत्रण के उद्देश