Samajik sanjal Ek Vardan ya abhishaap nibandh in Hindi
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21वीं सदी में कम्प्यूटर एक अनिवार्य गैजेट बन गया है तथा इंटरनेट का जाल विश्वव्यापी फ़ैल चुका है। ऐसे में विभिन्न देशों, क्षेत्रों के व्यक्तियों के बीच संवाद बनाने के मंच के रूप में सोशल मीडिया आज सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विभिन्न मंच जैसे Facebook, Twitter, whatsapp आज लोगों के विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते है, सच में सोशल मीडिया आज के विश्व में लोकतन्त्र का वास्तविक पर्याय बन गया है।
प्रत्येक वस्तु के दो पक्ष होतें हैं एक सकारात्मक दूसरा नकारात्मक। सोशल मीडिया के सम्बन्ध में कहा जा सकता है कि यह विज्ञान का वरदान है लेकिन इसमें कुछ नकारात्मक तत्वों का भी समावेश है।
सोशल मीडिया का उपयोग आज सरकारें अपनी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने, जनता से सीधा संवाद स्थापित करने, जनमत का पता लगाने में करने लगीं हैं। लोग विभिन्न groups के माध्यम से सरकार के नीतियों, निर्णयों पर बहस करने लगे हैं जो कि लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है। सोशल मीडिया आज ऐसा मंच है जहाँ आम नागरिक बिना किसी रोक टोक के अपने विचार रखता है और करोड़ों लोग उन विचारों को पढ़ते, सुनते हैं तथा उनसे प्रभावित होते हैं। वाकई में आज सोशल मीडिया व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग सा बन गया है।
विचारों की अभिव्यक्ति का दुरूपयोग, निजता का हनन, सामाजिक जीवन से कटाव, लोगों में आपसी द्वेष को बढ़ावा देना आदि कुछ ऐसे नकारात्मक पक्ष हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है। सोशल मीडिया के लिए कहा जाता रहता है की यहाँ लोग सभी के साथ होते हुए भी अकेले रहते हैं।
सोशल मीडिया के सम्भव दुष्परिणामों के कारण ही सरकारों को हस्तक्षेप करना पड़ा है, विभिन्न नियामक कानूनों का निर्माण किया गया है। आतंकवादी समूहों द्वारा भी सोशल मीडिया का दुरूपयोग युवाओं को प्रभावित करने के लिए किया जाने लगा है जो विश्व के लिए बड़ा खतरा है अतः अब इन मंचों पर भी चौकन्ना रहने की जरुरत है कि हम किसी भी प्रकार घृणा फ़ैलाने के लिए जिम्मेदार न हों और केवल सकारात्मक बदलावों के लिए ही इन मंचों का उपयोग
विभिन्न मंच जैसे Facebook, Twitter, whatsapp आज लोगों के विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते है, सच में सोशल मीडिया आज के विश्व में लोकतन्त्र का वास्तविक पर्याय बन गया है।
प्रत्येक वस्तु के दो पक्ष होतें हैं एक सकारात्मक दूसरा नकारात्मक। सोशल मीडिया के सम्बन्ध में कहा जा सकता है कि यह विज्ञान का वरदान है लेकिन इसमें कुछ नकारात्मक तत्वों का भी समावेश है।
सोशल मीडिया का उपयोग आज सरकारें अपनी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने, जनता से सीधा संवाद स्थापित करने, जनमत का पता लगाने में करने लगीं हैं। लोग विभिन्न groups के माध्यम से सरकार के नीतियों, निर्णयों पर बहस करने लगे हैं जो कि लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है। सोशल मीडिया आज ऐसा मंच है जहाँ आम नागरिक बिना किसी रोक टोक के अपने विचार रखता है और करोड़ों लोग उन विचारों को पढ़ते, सुनते हैं तथा उनसे प्रभावित होते हैं। वाकई में आज सोशल मीडिया व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग सा बन गया है।
विचारों की अभिव्यक्ति का दुरूपयोग, निजता का हनन, सामाजिक जीवन से कटाव, लोगों में आपसी द्वेष को बढ़ावा देना आदि कुछ ऐसे नकारात्मक पक्ष हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है। सोशल मीडिया के लिए कहा जाता रहता है की यहाँ लोग सभी के साथ होते हुए भी अकेले रहते हैं।
सोशल मीडिया के सम्भव दुष्परिणामों के कारण ही सरकारों को हस्तक्षेप करना पड़ा है, विभिन्न नियामक कानूनों का निर्माण किया गया है। आतंकवादी समूहों द्वारा भी सोशल मीडिया का दुरूपयोग युवाओं को प्रभावित करने के लिए किया जाने लगा है जो विश्व के लिए बड़ा खतरा है अतः अब इन मंचों पर भी चौकन्ना रहने की जरुरत है कि हम किसी भी प्रकार घृणा फ़ैलाने के लिए जिम्मेदार न हों और केवल सकारात्मक बदलावों के लिए ही इन मंचों का उपयोग
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