Hindi, asked by agamgunnidia, 11 months ago

Samanadhikaran aur Vyadhikaran mein udaharan ki madad se antar spasht kijiye..

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Answered by PalakVerma1
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Hey dear!!!

समुच्चयबोधक के दो भेद हैं-
1. समानाधिकरण
2. व्यधिकरण

<U><B>समानाधिकरण समुच्चयबोधक :-</B></U>

परिभाषा:-
जो पद या अव्यय मुख्य वाक्यों को जोड़ते हैं उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं। जहाँ पर और , तो आते हैं वहाँ पर समानाधिकरण समुच्चयबोधक होता है।

उदाहरण:-
(i) सुनन्दा खड़ी थी और अलका बैठी थी।
(ii) ऋतेश गायेगा तो ऋतु तबला बजाएगी।

प्रकार:-
समानाधिकरण समुच्चयबोधक के 6 भेद होते हैं:-
(1) संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक
(2) विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक
(3) विकल्पसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक
(4) विरोधदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक
(5) परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक
(6) वियोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक

______________________________________

<U><B>व्यधिकरण समुच्चयबोधक :-</B></U>

परिभाषा:-
जिन शब्दों से किसी वाक्य के प्रधान से आश्रित उपवाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं उन्हें व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं।

उदाहरण:-
(i) तुम पर कोई भरोसा नहीं करता क्योंकि तुम झूठ बोलते हो।
(ii) श्री शुकदेव मुनि बोले की महाराज अब आगे की कथा सुनाएँ।

प्रकार:-
व्यधिकरण समुच्चयबोधक के 4 भेद हैं:-
(1) कारणसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
(2) संकेतसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
(3) उद्देश्यसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
(4) स्वरूपसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक

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Answered by payalranisharma0686
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