Physics, asked by Ptafull, 7 months ago

samantar plate sandharitra ki Plato ki bich Vayu hone par 10 new app Dhari prapt hoti hai ab yadi in Plato bich ki Duri Aadhi kar di jaaye aur usmein Madhya ke Panch paravaidhutank ummid Bhar Diya Jaaye to dharit ka man Kitna Ghate Gaya Kitna badh gaya gyat kijiye

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Answered by sureshiyshsri
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संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत माध्यम की उपस्थिति का प्रभाव : संधारित्र की धारिता पर परावैद्युत माध्यम का भी प्रभाव पड़ता है इसे समझाने के लिए फैराडे ने एक प्रयोग किया और यह सिद्ध किया की संधारित्र की धारिता परावैद्युत माध्यम पर भी निर्भर करती है।

फेराडे ने दो संधारित्र लिए तथा दोनों को एक ही बैटरी के सिरों से जोड़ा , समान वातावरण में उन्होंने एक संधारित्र की प्लेटो के मध्य वायु ली तथा दूसरे संधारित्र की प्लेटो के मध्य पराविद्युत माध्यम लिया।

ऐसा करने के बाद फैराडे ने दोनों संधारित्र पर एकत्रित आवेश की गणना की और पाया की दोनों पर आवेश का मान अलग अलग है , उन्होंने वायु वाले संधारित्र में एकत्रित आवेश को q0 कहा तथा दूसरे पर एकत्र आवेश को q कहा और दोनों पर एकत्रित आवेशो के मान ये निम्न सम्बन्ध पाया

q = Kq0

चूँकि हम दोनों संधारित्रों में समान विभव (V) की बैटरी इस्तेमाल कर रहे है इससे ये भी स्पष्ट रूप से कह सकते है की दोनों की धारिता का मान भी अलग अलग होगा

वायु वाले संधारित्र की धारिता

C0 = q0/V

परावैद्युत वाले संधारित्र की धारिता

C = Kq0/V

फैराडे ने इस प्रयोग से यह निष्कर्ष निकाला की संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत माध्यम भरकर उसकी धारिता का मान बढ़ाया जा सकता है।

फैराडे धारिता बढ़ने का कारण निम्न प्रकार समझाया

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